ब्रह्मोस मिसाइल से लैस ‘सुखोई-30 MKI’ का पहला स्‍क्‍वार्डन वायुसेना में शामिल किया गया

भारतीय वायुसेना ने ब्रह्मोस मिसाइल से लैस ‘सुखोई-30 MKI’ का पहला स्‍क्‍वार्डन अपने बेड़े में शामिल कर लिया है. प्रमुख रक्षा अध्‍यक्ष (CDS) जनरल बिपिन रावत और वायु सेना प्रमुख, एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार भदौरिया की मौजूदगी में 20 जनवरी को इस स्‍क्‍वार्डन को भारतीय वायु सेना का हिस्‍सा बनाया गया. सुखोई-30 MKI, सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस से लैस होकर हथियार सक्षमता की दृष्टि से और अधिक प्रभावी बन जाता है.

इसे तमिलनाडु के तंजावुर बेस में तैनात किया गया है. टाइगरशार्क कहा जाने वाला 222-स्‍क्‍वार्डन हिन्‍द महासागर में सुरक्षा में महत्‍वपूर्ण योगदान कर सकता है. दक्षिण प्रायद्वीप में स्थित तंजावुर की सामरिक स्थिति, टाइगरशार्क को हिन्‍द महासागर, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में नौसेना की गतिविधियों के साथ ही थल सेना को भी ताकतवर आधार प्रदान करेगी.