चाइल्ड पोर्नोग्राफ़ी के संकट से निपटने के लिए एक रिपोर्ट संसद को सौंपी गयी

चाइल्ड पोर्नोग्राफ़ी के संकट से निपटने के लिए बनी संसदीय समिति ने हाल ही में अपनी रिपोर्ट राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू को सौंपी. राज्य सभा सदस्य और कांग्रेस नेता जयराम रमेश इस समिति के अध्यक्ष हैं.

इस रिपोर्ट में समिति ने सिफारिश की है कि चाइल्ड पोर्नोग्राफ़ी के संकट से निपटने के लिए भी प्रधानमंत्री को ‘वैश्विक राजनीतिक गठजोड़’ बनाने की पहल करना चाहिए. रिपोर्ट में प्रधानमत्री नरेन्द्र मोदी से अपील की गई है कि वो ‘चाइल्ड पोर्नोग्राफ़ी’ के विरुद्ध ‘अंतरराष्ट्रीय सोलर अलायंस’ (ISA) की तर्ज़ पर देशों को एकजुट करें.

इंटरनेट के ज़रिए अश्लीलता ख़ासकर, सोशल मीडिया पर ‘चाइल्ड पोर्नोग्राफ़ी’ के व्यापक प्रसार की समस्या से निपटने के लिए इस समिति ने सुझाव भी दिया है कि प्रधानमंत्री इस दिशा में जी-20 या संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में कारगर पहल कर सकते हैं.

जयराम रमेश की अगुवाई में 14 सदस्यीय समिति का गठन

पिछले वर्ष 2019 में चाइल्ड पोर्नोग्राफ़ी का मुद्दा राज्य सभा जोर-शोर से उठा था, जिसके बाद सभापति ने इस समस्या से निपटने के उपाय सुझाने के लिए जयराम रमेश की अगुवाई में 14 सदस्यीय समिति का गठन कर एक महीने में रिपोर्ट देने को कहा था.

समिति ने इस दौरान तीन बैठक की और विस्तार से चर्चा के बाद 40 सुझावों वाली इस रिपोर्ट में सिफ़ारिश की है कि सरकार को यौन अपराधों से बच्चों को बचाने वाले पोक्सो क़ानून, सूचना प्रौद्योगिकी क़ानून और भारतीय दंड संहिता में उचित बदलाव करने की तत्काल पहल करना चाहिए. साथ ही राज्य सरकारों को भी सिफ़ारिश की है कि वे राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग को सक्षम बनाएं.