ईरान और अमेरिका के बीच तनाव: अमेरिकी हमले में ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी की मौत

ईरान और अमेरिका के बीच तनाव एक बार फिर तब गहरा गया जब अमेरिका ने ईरान की कुद्स फोर्स के प्रमुख जनरल कासिम सुलेमानी को एक हवाई हमले में मार गिराया है. यह हवाई हमला इराक में बगदाद अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर किया गया था. इस हमले में कताइब हिजबुल्लाह कमांडर अबू महदी अल-मुहादिस भी मारा गया.

हमले की वजह

  • अमेरिका ने कुद्स फोर्स के प्रमुख जनरल कासिम सुलेमानी समेत कताइब हिज़्बुल्लाह संगठन को आतंकवादी घोषित कर रखा है. कासिम सुलेमानी पश्चिमी एशिया में ईरानी गतिविधियों को चलाने का प्रमुख रणनीतिकार माना जाता था.
  • जनरल सुलेमानी ने यमन से सीरिया तक और इराक से लेकर दूसरे देशों तक रिश्तों का ऐसा नेटवर्क तैयार किया था, जिससे ईरान के असर को बढ़ाया जा सके.
  • कताइब हिज़्बुल्लाह का संबंध ईरान के इस्लामिक रिवॉल्युशन गार्ड कोर यानि IRGC के वैश्विक ऑपरेशन आर्म कुद्स फोर्स से है और इसे ईरान से कई तरह की मदद मिल रही है.
  • इस हमले के बाद अमेरिकी रक्षा विभाग की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के निर्देश पर विदेश में रह रहे अमेरिकी सैन्यकर्मियों की रक्षा के लिए कासिम सोलेमानी को मारने का कदम उठाया गया है.
  • सुलेमानी बीते 27 दिसंबर समेत कई महीनों से इराक स्थित अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर हमलों को अंजाम देने में शामिल रहे हैं. इसके अलावा बीते हफ्ते अमेरिकी दूतावास पर हुए हमले को भी उन्होंने अपनी स्वीकृति दी थी.

क्या है कुद्स फोर्स?

कुद्स फोर्स ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स की एक शाखा है, जो देश के बाहर के अभियानों को अंजाम देती है. इसके प्रमुख मेजर जनरल कासिम सुलेमानी सीधे तौर पर देश के सर्वोच्च नेता आयतोल्लाह अली खामेनेई के प्रति जवाबदेह थे.

2003 में अमरीका के नेतृत्व में हुए सैन्य हमलों में इराक़ में सद्दाम हुसैन की सत्ता ख़त्म हो गई. इसके बाद से मध्यपूर्व में कुद्स फोर्स ने अपने अभियान तेज़ किए.

ईरान की प्रतिक्रिया

ईरान के खमेनी ने सुलेमानी की मौत के बाद तीन दिन के शोक की घोषणा की है और अमेरिका के इस हमले पर बेहद तल्‍ख प्रतिक्रिया दी है. अमेरिकी विदेश मंत्री जावेद जरीफ ने कहा कि अमेरिका की यह कार्रवाई अन्तर्राष्ट्रीय आतंकवाद है. जनरल सुलेमानी उस कुर्दिश सैन्‍य बल के प्रमुख थे जो आईएस, अल-नुसरा, अल-कायदा के खिलाफ प्रभावी लड़ाई लड़ रहा था.