WEF के सामाजिक बदलाव सूचकांक में भारत 76वें पायदान पर

विश्व आर्थिक मंच (WEF) ने हाल ही में वैश्विक सामाजिक बदलाव सूचकांक (Global Social Mobility Index) 2020 रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट में भारत 82 देशों में से 76वें स्थान पर है. WEF की 50वीं वार्षिक बैठक से पहले यह सूचकांक जारी किया गया है.

रिपोर्ट के मुताबिक अगर किसी देश के सामाजिक बदलाव में 10 प्रतिशत की भी बढ़ोतरी होती है, तो इससे उस देश की सामाजिक एकता मजबूत होगी. यही नहीं वैश्विक अर्थव्यवस्था में भी 2030 तक करीब पांच फीसदी बढ़ोतरी हो सकती है. मगर रिपोर्ट के अनुसार सिर्फ कुछ अर्थव्यवस्थाओं में ही ऐसी सामाजिक परिवर्तन को बढ़ावा देने के लिए सही परिस्थितियां हैं. अगर सामाजिक परिवर्तन को बढ़ावा दिया जाए तो सबसे ज्यादा लाभ चीन, अमेरिका, भारत, जापान और जर्मनी को हो सकता है.

रैंकिंग के लिए आधार स्तंभ

रैंकिंग के लिए देशों को पांच आधार स्तंभ पर परखा गया है. ये हैं- स्वास्थ्य, शिक्षा, प्रौद्योगिकी, कामकाज और संरक्षण एवं संस्थान हैं. यह दर्शाता है कि उचित वेतन, सामाजिक सुरक्षा और आजीवन शिक्षा का सामाजिक बदलाव में सबसे बड़ा योगदान है.

शिक्षा के मामले में भारत 41वें पायदान पर

शिक्षा के मामले में भारत 41वें और कामकाज की परिस्थिति के स्तर पर वह 53वें पायदान पर है. भारत को जिन क्षेत्र में बहुत सुधार करने की जरूरत है, उनमें सामाजिक सुरक्षा (76वें) और उचित वेतन वितरण (79वें) शामिल हैं.

शीर्ष 10 देश

इस सूची में डेनमार्क, नॉर्वे, फिनलैंड, स्वीडन और आइसलैंड क्रमशः शीर्ष पांच देश हैं. शीर्ष दस देशों की सूची में नीदरलैंड (6वें), स्विट्जरलैंड (7वें), ऑस्ट्रिया (8वें), बेल्जियम (9वें) और लक्जमबर्ग (10वें) हैं.