पूर्वी क्षेत्रिय परिषद की 24वीं बैठक ओडिसा के भुवनेश्वर में आयोजित की गयी

पूर्वी क्षेत्रिय परिषद की 24वीं बैठक 28 फरवरी को ओडिसा में भुवनेश्वर में आयोजित की गयी. गृहमंत्री अमित शाह ने इस बैठक की अध्यक्षता की. ओडिसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक बैठक के उपाध्यक्ष थे.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, ओड़िसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी ने इस बैठक में हिस्सा लिया. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की जगह राज्य के वित्तमंत्री रामेश्वर ओराम बैठक में शामिल हुए.

बैठक में विभिन्न राज्यों के बीच पानी से जुड़े विवाद, बिजली की लाइनों, कोयला खदानों पर रॉयल्टी, रेल परियोजनाओं के लिए भूमि और वन संबंधी मंजूरी, जघन्य अपराधों की जांच, सीमावर्ती राज्यों में पशुओं की तस्करी, दूर-दराज के क्षेत्रों में दूरसंचार और बैंकिंग संबंधी बुनियादी ढांचे के अभाव सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई.

सम्‍मेलन में राज्‍यों के प्रमुख मुद्दों और अन्तर्राज्यी तथा केन्‍द्र-राज्‍य संबंधों पर चर्चा की गई. ओडिसा के मुख्‍यमंत्री नवीन पटनायक ने पूर्वी क्षेत्र के राज्‍यों के लिए विशेष आर्थिक पैकेज की मांग की. पटनायक ने कहा कि पूर्वी क्षेत्र के राज्‍यों को दी जाने वाली केन्‍द्रीय राशि को दोगुना किये जाने की जरूरत है, ताकि वे राष्‍ट्रीय मानदंड के स्‍तर तक पहुंच सकें.

क्षेत्रिय परिषदें: एक दृष्टि

केंद्र एवं राज्‍यों के बीच मिलकर काम करने की संस्कृति विकसित करने के उद्देश्‍य से 1956 में राज्‍य पुनर्गठन कानून (States Reorganisation Act) संसद द्वारा पारित किया गया था. इस कानून के तहत 5 क्षेत्रिय परिषदें स्थापित की गई थीं. ये क्षेत्रिय परिषदें हैं:

  1. उत्तरी क्षेत्रिय परिषद: इसमें हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, पंजाब, राजस्थान राज्य, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और संघ राज्य क्षेत्र चंडीगढ़ शामिल हैं.
  2. मध्य क्षेत्रिय परिषद: मध्य क्षेत्रिय परिषद में छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश राज्य शामिल हैं.
  3. पूर्वी क्षेत्रिय परिषद: पूर्वी क्षेत्रिय परिषद में बिहार, झारखंड, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल को रखा गया है.
  4. पश्चिमी क्षेत्रिय परिषद: इसमें गोवा, गुजरात, महाराष्ट्र राज्य और संघ राज्य क्षेत्र दमन और दीव और दादरा और नगर हवेली है.
  5. दक्षिणी क्षेत्रिय परिषद: इसमें आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, केरल, तमिलाडु, राज्य और संघ राज्य क्षेत्र पुद्दुचेरी शामिल हैं.

पूर्वोत्तर परिषद: पूर्वोत्तर के राज्यों को पूर्वोत्तर परिषद अधिनियम (North Eastern Council Act), 1972 के तहत गठित पूर्वोत्तर परिषद में रखा गया है.

केंद्रीय गृहमंत्री सभी क्षेत्रिय परिषदों का अध्यक्ष और प्रत्येक आंचलिक परिषद में शामिल किये गए राज्यों के मुख्यमंत्री एक वर्ष की अवधि (बारी-बारी रोटेशन से) के लिये उस क्षेत्रिय परिषद का उपाध्यक्ष होता है.