डेली कर्रेंट अफेयर्स
नीति आयोग ने गुवाहाटी में SDG पर सम्मेलन 2020 का आयोजन किया, जानिए क्या SDG
नीति आयोग 24 से 26 फरवरी तक गुवाहाटी में सतत विकास लक्ष्य (Sustainable Development goals- SDG): पूर्वोत्तर राज्यों की भागीदारी, सहयोग और विकास सम्मेलन 2020 का आयोजन किया. सम्मेलन का उद्घाटन पूर्वोत्त्र राज्यों के सभी मुख्यमंत्रियों और अन्य प्रतिनिधियों की उपस्थिति में किया गया था.
SDG कार्यक्रम में उत्तर-पूर्व राज्यों, केन्द्रीय मंत्रालयों, शिक्षाविदों नागरिक समाज और अन्तर्राष्ट्रीय विकास संगठनों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. इस कार्यक्रम के तकनीकी सत्रों में उत्तर-पूर्व में एसडीजी स्थानीयकरण, आर्थिक समृद्धि और स्थायी आजीविका, जलवायु अनुकूल कृषि, स्वास्थ्य और पोषण जैसे मुद्दे शामिल थे.
सतत विकास लक्ष्य (SDG): एक दृष्टि
- सतत विकास लक्ष्य (Sustainable Development Goals) वैश्विक विकास के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा तय किये गये लक्ष्य हैं. संयुक्त राष्ट्र ने इन लक्ष्यों को प्राप्त करने की समय-सीमा 2030 तय की है.
- 2015 में संयुक्त राष्ट्र महासभा की 70वीं बैठक में ‘2030 सतत् विकास हेतु एजेंडा’ के तहत सदस्य देशों द्वारा 17 विकास लक्ष्य अर्थात् SDG (Sustainable Development goals) तय किये गए थे.
- SDG का मुख्य उद्देश्य विश्व से गरीबी को पूर्णतः खत्म करना तथा सामाजिक न्याय और पूर्ण समानता स्थापित करना है.
- भारत में 2030 तक SDG को प्राप्त करने की जिम्मेदारी नीति आयोग को दी गयी है.
संयुक्त राष्ट्र का 17 विकास लक्ष्य (SDG)
- गरीबी के सभी रूपों की पूरे विश्व से समाप्ति.
- भूख की समाप्ति, खाद्य सुरक्षा और बेहतर पोषण और टिकाऊ कृषि को बढ़ावा.
- सभी आयु के लोगों में स्वास्थ्य, सुरक्षा और स्वस्थ जीवन को बढ़ावा.
- समावेशी और न्यायसंगत गुणवत्तायुक्त शिक्षा सुनिश्चित करने के साथ ही सभी को सीखने का अवसर देना.
- लैंगिक समानता प्राप्त करने के साथ ही महिलाओं और लड़कियों को सशक्त करना.
- सभी के लिये स्वच्छता और पानी के सतत् प्रबंधन की उपलब्धता सुनिश्चित करना.
- सस्ती, विश्वसनीय, टिकाऊ और आधुनिक ऊर्जा तक पहुँच सुनिश्चित करना.
- सभी के लिये निरंतर समावेशी और सतत् आर्थिक विकास, पूर्ण और उत्पादक रोज़गार तथा बेहतर कार्य को बढ़ावा देना.
- लचीले बुनियादी ढाँचे, समावेशी और सतत् औद्योगीकरण को बढ़ावा.
- देशों के बीच और भीतर असमानता को कम करना.
- सुरक्षित, लचीले और टिकाऊ शहर और मानव बस्तियों का निर्माण.
- स्थायी खपत और उत्पादन पैटर्न को सुनिश्चित करना.
- जलवायु परिवर्तन और उसके प्रभावों से निपटने के लिये तत्काल कार्रवाई करना.
- स्थायी सतत् विकास के लिये महासागरों, समुद्रों और समुद्री संसाधनों का संरक्षण और उपयोग.
- सतत् उपयोग को बढ़ावा देने वाले स्थलीय पारिस्थितिकीय प्रणालियों, सुरक्षित जंगलों, भूमि क्षरण और जैव-विविधता के बढ़ते नुकसान को रोकने का प्रयास करना.
- सतत् विकास के लिये शांतिपूर्ण और समावेशी समितियों को बढ़ावा देने के साथ ही साथ सभी स्तरों पर इन्हें प्रभावी, जवाबदेहपूर्ण बनाना ताकि सभी के लिये न्याय सुनिश्चित हो सके.
- सतत् विकास के लिये वैश्विक भागीदारी को पुनर्जीवित करने के अतिरिक्त कार्यान्वयन के साधनों को मजबूत बनाना.
ISRO ने GSLV-F 10 जियो इमेजिंग सैटेलाइट, GISAT-1 के प्रक्षेपण की घोषणा की
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) 5 मार्च को जियो इमेजिंग सैटेलाइट- GISAT-1 का प्रक्षेपण करेगा. यह प्रक्षेपण श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से किया जायेगा.
इस प्रक्षेपण में GSLV-F 10 राकेट के माध्यम से GISAT-1 सैटेलाइट को जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (भू-समकालीन स्थानांतरण कक्षा- GTO) में स्थापित किया जाएगा. इसके बाद, उपग्रह प्रणोदन प्रणाली का उपयोग करके अंतिम भूस्थिर कक्षा में पहुंच जाएगा. यह GSLV का 14वां उड़ान होगा.
GISAT-1: एक दृष्टि
- GISAT-1 एक अत्याधुनिक तेजी से धरती का अवलोकन करने वाला उपग्रह है. इसका वजन 2,275 किलोग्राम है.
- इस GSLV उड़ान में पहली बार चार मीटर व्यास का ओगिव आकार का पेलोड फेयरिंग (हीट शील्ड) प्रवाहित किया जा रहा है.
- GISAT-1 में इमेजिंग कैमरों की एक विस्तृत श्रंखला है. ये निकट इंफ्रारेड और थर्मल इमेजिंग करने में सक्षम हैं. इन कैमरों में हब्बल दूरदर्शी जैसा 700 एमएम का एक रिची च्रीटियन प्रणाली का टेलीस्कोप का इस्तेमाल किया गया है.
- इसमें कई हाइ-रिजोल्यूशन कैमरे हैं जो उपग्रह की ऑन-बोर्ड प्रणाली द्वारा ही संचालित होंगे. इसकी एक और खासियत ये है कि ये 50 मीटर से 1.5 किलोमीटर की रिजोल्यूशन में फोटो ले सकता है.
मिस्र के पूर्व-राष्ट्रपति मोहम्मद होस्नी मुबारक का निधन
अरब गणराज्य मिस्र के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद होस्नी मुबारक का 25 फरवरी को निधन हो गया. वे 91 वर्ष के थे. होस्नी मुबारक तीस वर्ष तक मिस्र के राष्ट्रपति रहे थे. वे मिस्र के चौथे राष्ट्रपति थे. मुबारक के नेतृत्व में 1991 में खाड़ी युद्ध में मिस्र ने सक्रिय भागीदारी निभाई थी.
मोहम्मद होस्नी मुबारक को 1975 में उप-राष्ट्रपति नियुक्त किया गया था. 14 अक्टूबर 1981 को राष्ट्रपति अनवर अल-सदात की हत्या के बाद उन्होंने राष्ट्रपति का पद संभाला था. मुहम्मद अली पाशा के बाद वे सबसे लंबे समय से मिस्र के शासक रहे थे. वर्ष १९९५ में इन्हें जवाहर लाल नेहरू पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
मुबारक को देशभर में 18 दिन चले विरोध प्रदर्शनों के बाद 11 फरवरी, 2011 को इस्तीफा देना पड़ा था. बाद में मुबारक को गिरफ्तार कर लिया गया और प्रदर्शनकारियों की मौत तथा भ्रष्टाचार के मामले में उन पर मुकदमा चलाया गया. उन्हें 2012 में आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई गई लेकिन 2017 तक उन्हें सभी आरोपों से बरी करने के बाद रिहा कर दिया गया.
आंध्रप्रदेश में ‘जगन्ना वासथी दीवेना’ योजना की शुरुआत की गयी
आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी ने ‘जगन्ना वासथी दीवेना’ (Jagananna Vasthi Deevena) योजना की शुरुआत की है. इस योजना के तहत माध्यमिक शिक्षा के बाद विभिन्न पाठ्यक्रम के दौरान छात्रों को छात्रावास और भोजनालय खर्च के लिए वित्तीय मदद देने का प्रावधान है. इस योजना पर 2300 करोड़ रुपये का खर्च आएगा.
मुख्यमंत्री ने 24 फरवरी को उत्तर तटीय आंध्र के विजयनगरम जिले से इस योजना की शुरुआत की. इस योजना से ITI, पॉलिटेक्निक, स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा लेने वाले 11,87,904 छात्रों को लाभ मिलेगा.
योजना के तहत प्रत्येक वर्ष फरवरी और जुलाई में दो किस्तों में लाभार्थी छात्रों की माताओं के बैंक खाते में राशि जमा किए जाएंगे. इसके तहत हर ITI छात्र को दस हजार रुपये, पॉलिटेक्निक के छात्रों को 15 हजार रुपये जबकि स्नातक और स्नातकोत्तर के छात्रों को 20 हजार रुपये दिए जाएंगे.
देश-दुनिया: एक दृष्टि
सामयिक घटनाचक्र डेलीडोज
सरोगेसी विनियमन विधेयक को मंजूरी: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राज्यसभा की चयन समिति की सिफारिशों को शामिल करने के बाद सरोगेसी विनियमन विधेयक को 26 फरवरी को मंजूरी दे दी. इस बिल में कहा गया है कि सरोगेसी की सुविधा केवल उन्हीं भारतीय जोड़ों के लिए उपलब्ध होगी जिनके लिए चिकित्सकीय रूप से यह जरूरी है. संसदीय पैनल ने सिफारिश की थी कि न केवल करीबी रिश्तेदार बल्कि इसके लिए इच्छुक किसी भी महिला को सरोगेट के रूप में काम करने की अनुमति दी जानी चाहिए.
‘राष्ट्रीय तकनीकी कपड़ा मिशन’ के निर्माण को मंजूरी: आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने 1,480 करोड़ रुपये की कुल लागत के साथ ‘राष्ट्रीय तकनीकी कपड़ा मिशन’ के निर्माण को मंजूरी दी है. इसका उद्देश्य देश को तकनीकी वस्त्रों को दुनिया में अग्रणी बनाया जाना है. तकनीकी कपड़ों का इस्तेमाल कृषि, रेलवे ट्रैक, स्पोर्ट्सवियर, बुलेट प्रूफ जैकेट, फायर प्रूफ जैकेट और अंतरिक्ष यात्रा के लिए किया जाता है.
खेलो इंडिया विश्वविद्यालय खेल: देश का पहला ‘खेलो इंडिया विश्वविद्यालय खेल’ 22 फरवरी से 1 मार्च तक ओडिसा में खेला जा रहा है. 25 फरवरी को पटियाला के पंजाबी विश्वविद्यालय ने पुरुषों और महिलाओं, दोनों वर्गों की कम्पाउंड तीरंदाजी स्पर्धा के स्वर्ण पदक जीत लिये. राजस्थान विश्वविद्यालय की कृतिका शर्मा ने तीरंदाजी की व्यक्तिगत कम्पाउंड स्पर्धा का स्वर्ण अपने नाम किया.
‘UPI चलेगा’ अभियान की शुरुआत: नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने ‘UPI चलेगा’ अभियान की शुरुआत की है. यह अभियान UPI को आसान, सुरक्षित और त्वरित भुगतान के रूप में बढ़ावा देने के लिए तैयार किया गया है. भारत में बीते तीन साल में UPI का उपयोग 300 प्रतिाश्त तक बढ़ा है. UPI उपयोगकर्ताओं को बैंक विवरण दर्ज किए बिना किसी भी खाते में अपने खाते से पैसे भेजने में सक्षम बनाता है.