म्यामांर के राष्ट्रपति ऊ विन मिन्त की भारत यात्रा, दोनों देशों के बीच दस समझौते
भारत और म्यामां के बीच आधारभूत संरचना, ऊर्जा, संचार और स्वास्थ्य सहित विभिन्न क्षेत्रों में दस समझौतों पर हस्ताक्षर किये गये. ये समझौते भारत की यात्रा पर आये म्यामां के राष्ट्रपति ऊ विन मिन्त और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच 27 फरवरी को हुए द्विपक्षीय वार्ता के दौरान हुये. इस वार्ता में दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय हितों के विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया.
भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ और ‘पडोसी पहले’ नीति और म्यामां की गुटनिरपेक्ष नीति की पुष्टि करते हुए, दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को मज़बूत बनाने के लिए प्रतिबद्धता दर्शाई. दोनों पक्ष आतंकवादके मुकाबले में सहयोग पर भी सहमत हुए. वार्ता के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकार, सेना और जातीय सशस्त्र समूह के बीच चल रही शांति प्रक्रिया के लिए पूर्ण समर्थनव्यक्त किया.
भारतने म्यामां के राखिन राज्य में शांति, स्थिरता और विकास के लिए अपने समर्थन को दोहराया. भारत की इम्फाल और म्यामां के मांडले के बीच समन्वित बस सेवा इस साल अप्रैल से शुरू होने की उम्मीद है. वार्ता में भारत ने म्यामा के तमू में आधुनिक एकीकृत चैक-पोस्ट निर्माण के लिए प्रतिबद्धता दोहराई.
म्यामां के राष्ट्रपति मिन्त 26 से 29 फरवरी तक भारत की यात्रा पर हैं. उनके साथ म्यामां की प्रथम महिला दॉव चो चोभी हैं. श्री मिन्ट ने विदेश मंत्री सुब्रमण्यम जयशंकर से भी मुलाकात की. म्यामां के राष्ट्रपति अपनी यात्रा के दौरान आगरा और बोध-गया भी जायेंगे.
म्यामांर और भारत संबंध
- म्यामां और भारत के बीच धार्मिक तथा भाषायी संबंध हैं. यह भारत की सीमा से लगा एकमात्र आसियान देश है जो दक्षिण-पूर्व एशिया का प्रवेश द्वार है.
- भारत अपने ‘ईस्ट एक्ट’ और ‘पड़ोसी प्रथम’ नीतियों के अनुरूप म्यामां के साथ सहयोग बढ़ाना चाहता है.
- भारत, म्यामां का पांचवा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है. दोनों देशों के द्विपक्षीय व्यापार में 2018-19 के दौरान 8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई और वर्तमान में यह 107 करोड़ डॉलर के स्तर पर है.