वैज्ञानिकों ने घोंघे की एक नई प्रजाति खोजी, ग्रेटा थनबर्ग का नाम दिया

ब्रुनेई में वैज्ञानिकों ने घोंघे की एक नई प्रजाति की खोज की है. इस प्रजाति का नाम पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग के नाम पर ‘क्रास्पेडोट्रोपिस ग्रेटाथनबर्ग’ रखा गया है. यह घेंघा दो मिमी लंबा और एक मिमी चौड़ा है.

घोंघों की यह प्रजाति ‘केनोगैस्ट्रोपॉड्स’ समूह से संबंधित है. जमीन पर रहने वाली इस प्रजाति पर सूखा, तापमान में अत्यधिक उतार-चढ़ाव और जंगलों की कटाई का असर होता है. नई प्रजाति के घोंघे ब्रूनेई के कुआला बेलालॉन्ग फील्ड स्टबडीज सेंटर के करीब पाए गए.

घोंघे का तापमान के प्रति संवेदनशील होने के कारण इसका नाम ग्रेटाथनबर्ग पर गया है. ग्रेटा जलवायु परिवर्तन को लेकर दुनियाभर में जागरुकता फैलाने का काम कर रही हैं. यह सम्मान इन्हीं प्रयासों को देखते दिया गया है.

वैज्ञानिकों का कहना है कि ग्रेटा थनबर्ग के नाम पर इसका नामकरण करने के पीछे हमारा उद्देश्य यह बताना है कि थनबर्ग की पीढ़ी को उन समस्याओं का समाधान भी ढूंढना होगा, जिन्हें उन्होंने पैदा नहीं किया.

ग्रेटा थनबर्ग: एक दृष्टि

ग्रेटा थनबर्ग जलवायु परिवर्तन के ख़तरों पर केंद्रित एक स्वीडिश पर्यावरण कार्यकर्ता हैं. अगस्त 2018 में, 15 वर्ष की उम्र में, ग्रेटा थनबर्ग ने स्वीडन की संसद के समक्ष पेरिस समझौते के मुताबिक कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए विरोध प्रदर्शन किये जाने के कारण चर्चित हो गयीं थीं. 11 दिसम्बर 2019 को इन्हें ‘टाइम पर्सन ऑफ़ द इयर’ का अवॉर्ड दिया गया था.

संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन (Climate Action Summit) को संबोधित करते हुए थनबर्ग ने विकसित देशों पर अपनी प्रतिबद्धताएं पूरी न करने का आरोप लगाया था. विश्व नेताओं को भावुकता से संबोधित करते हुए ग्रेटा ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण लोग यातना झेल रहे हैं, मर रहे हैं और पूरी पारिस्थितिकीय प्रणाली ध्वस्त हो रही है.