श्‍यामा प्रसाद मुखर्जी नेशनल रूर्बन मिशन ने चार वर्ष पूरे किये, जानिए क्या है SPMRM

श्‍यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन (Shyama Prasad Mujherji Rurban Mission – SPMRM) ने 21 फरवरी को चार वर्ष पूरे किये. प्रधानमंत्री ने इस मिशन का शुभारंभ 21 फरवरी, 2016 को छत्‍तीसगढ़ के राजनाथगांव जिले में किया था.

इसका उद्देश्‍य राज्‍यों और केन्‍द्रशासित प्रदेशों में ऐसे ग्राम समूहों को विकसित करना है जिनसे समूचे क्षेत्र में चंहुमुखी विकास का रास्‍ता खुलेगा. इस मिशन का शुभारम्‍भ देश के गांवों को स्‍मार्ट गांव बनाने के लिए किया गया है.

श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन (SPMRM): एक दृष्टि

  1. गाँव और शहर के बीच अंतर पाटने के लिए केंद्र सरकार ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन (SPMRM) शुरू किया है. मिशन के तहत मैदानी इलाकों में 25,000 से 50,000 की आबादी तथा रेगिस्तानी व पहाड़ी इलाकों में 5,000 से 15,000 तक की आबादी वाली ग्राम पंचायतों के साथ रूर्बन क्लस्टर (ग्राम समूह) विकसित करना है.
  2. SPMRM के तहत, अगले तीन वर्षों में 300 क्लस्टर्स विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है. ये क्लस्टर्स भौगोलिक रूप से नजदीक कई ग्राम पंचायतों को मिलाकर बनाए जाएंगे. क्लस्टर का चयन राज्य सरकार के द्वारा किया जाएगा.
  3. इस मिशन के अंतर्गत कौशल विकास का प्रशिक्षण, खाद्य प्रसंस्करण, भंडारण गोदामों का निर्माण, डिजिटल शिक्षा, स्वच्छता, पाइप द्वारा घर-घर तक जलापूर्ति, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, ग्रामीण सड़क, जल निकासी, मोबाइल स्वास्थ्य यूनिट, स्कूली एवं उच्च शिक्षा में सुधार, ई-ग्राम कनेक्टिविटी, सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था, नागरिक सेवा केन्द्र तथा LPG गैस आपूर्ति सेवा इत्यादि शामिल की गईं हैं.