मृदा स्वास्थ्य कार्ड के कारण देश में केमिकल फर्टिलाइजर्स में कमी और उपज में वृद्धि हुई

राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद (NPC) ने हाल ही में एक अध्ययन रिपोर्ट जारी किया है. इस रिपोर्ट के अनुसार, मृदा स्वास्थ्य कार्ड के तहत देश में केमिकल फर्टिलाइजर्स के इस्तेमाल में 8-10 फीसदी तक की कमी आई है और उपज में 5-6 प्रतिशत तक वृद्धि हुई है.

क्या है मृदा स्वास्थ्य कार्ड?

भारत सरकार के कृषि मंत्रालय के अधीन मृदा स्वास्थ्य प्रबन्धन योजना (Soil Health Card Scheme) बनाई गई है. योजना के अंतर्गत ग्रामीण युवा एवं किसान जिनकी उम्र 18 से 40 वर्ष है, ग्राम स्तर पर मिनी मृदा परिक्षण प्रयोगशाला (Soil Test Laboratory) की स्थापना कर सकते हैं. प्रयोगशाला को स्थापित करने में 5 लाख रुपए का खर्च आता है, जिसका 75 फीसदी यानी 3.75 लाख रुपए सरकार देती है.

उर्वरकों के उपयोग से मृदा में मौजूद पोषक तत्‍वों में होने वाली कमी दूर करने के उद्देश्य से वर्ष 2014-15 में सरकार ने ‘मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना’ को शुरू किया था.