अमेरिकी संसद ने राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प को महाभियोग के आरोपों से बरी किया

अमेरिकी संसद सीनेट ने राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प को महाभियोग के सभी आरोपों से 5 फरवरी को बरी कर दिया गया है. सीनेट ने राष्ट्रपति को सत्ता के दुरुपयोग और संसद की कार्यवाही में बाधा पहुंचाने के महाभियोग के दोनों आरोपों से दोषमुक्त कर दिया.

अमेरिकी सीनेट में सत्ताधारी रिपब्लिकन पार्टी के पास जहां सीनेट में 53 सीटें हैं, वहीं डेमोक्रेट्स के पास 47 सीटें हैं. सीनेट में ट्रम्प को सत्ता के दुरुपयोग के आरोप से 48 के मुकाबले 52 मतों से बरी किया गया. जबकि संसद की कार्यवाही में बाधा पहुंचाने के मुद्दे पर उन्हें 47 के मुकाबले 53 मतों से दोषमुक्त किया गया. एकमात्र रिपब्लिकन सीनेटर मिट रोमनी ने सत्ता के दुरुपयोग के आरोपों पर ट्रंप के खिलाफ वोट किया. सीनेट में राष्ट्रपति पर महाभियोग पारित करने के लिए दो तिहाई बहुमत की आवश्यकता होती है.

हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव में यह प्रस्ताव पास हुआ था

इससे पहले 8 दिसंबर 2019 को अमेरिकी संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर सत्ता के दुरुपयोग के लिए महाभियोग का यह प्रस्ताव पास हो गया था. विपक्षी डेमोक्रैट्स के बहुमत वाले हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव में महाभियोग के पक्ष में 230 और विरोध में 197 वोट पड़े थे.

डोनाल्ड ट्रंप महाभियोग का सामना करने वाले तीसरे राष्ट्रपति

अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप उस देश के इतिहास में तीसरे ऐसे राष्ट्रपति बन गए हैं, जिन पर महाभियोग चलाया गये था. अमेरिकी में अभी तक किसी भी राष्ट्रपति को महाभियोग की प्रक्रिया के तहत नहीं हटाया गया है.

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से पहले दो और अमेरिकी राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही हुई थी. 1968 में अमेरिकी राष्ट्रपति एंड्रयू जॉनसन और 1998 में राष्ट्रपति बिल क्लिंटन पर महाभियोग चलाया गया था लेकिन सीनेट ने उन्हें दोषी नहीं ठहराया. वहीं पूर्व राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने महाभियोग से पहले ही साल 1974 में इस्तीफा दे दिया था.

ट्रंप पर क्या थे आरोप?

राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प पर पहला आरोप सत्ता का दुरुपयोग था, जिसमें उनपर यूक्रेन पर 2020 के आम चुनावों में उनके संभावित राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी जो बिडेन को बदनाम करने के लिए दबाव बनाने का आरोप है. दूसरा आरोप महाभियोग मामले में सदन की जांच में सहयोग नहीं करने का है.