वर्ष 2020 का एबेल पुरस्कार हिलेल फुरस्टेनबर्ग और ग्रेगरी मारगुलिस को देने की घोषणा

वर्ष 2020 का एबेल पुरस्कार (Abel Prize) इज़राइल के हिलेल फुरस्टेनबर्ग और रुसी-अमेरिकी ग्रेगरी मारगुलिस को देने की घोषणा हाल ही में की गयी है. इन्हें यह सम्मान ‘pioneering use of methods from probability & dynamics in group theory, number theory and combinatorics’ के लिए दिया गया है.

इन दोनों गणितज्ञों ने गणित के विविध क्षेत्रों में कठिन समस्याओं को हल करने के लिए संभाव्य तरीकों और यादृच्छिकता (randomness) तकनीकों का उपयोग किया था.

हिलेल फुरस्टेनबर्ग और ग्रेगरी मारगुलिस

हिलेल फुरस्टेनबर्ग यरुशलम (इज़राइल) के हिब्रू विश्वविद्यालय में एक अमेरिकी-इजरायली गणितज्ञ हैं. उन्होंने गणित में वुल्फ पुरस्कार भी जीता है.

ग्रेगरी मारगुलिस एक रूसी-अमेरिकी गणितज्ञ हैं. वह फील्ड्स मैडल, वुल्फ प्राइज और एबेल प्राइज, इन तीनों पुरस्कार को जीतने वाले पांचवें व्यक्ति हैं.

एबेल पुरस्कार (Abel Prize): एक दृष्टि

  • एबेल पुरस्कार प्रत्येक वर्ष गणित के क्षेत्र में असाधारण उपलब्धियों के लिए नॉर्वे के राजा द्वारा प्रदान किया जाता है. यह गणित का नोबेल पुरस्कार से भी जाना जाता है.
  • यह पुरस्कार नार्वेजियन अकादमी ऑफ साइंस एंड लेटर्स (Norwegian Academy of Science and Letters) द्वारा ओस्लो में प्रदान किया जाता है.
  • इस पुरस्कार की स्थापना के लिए नील्स हेनरिक एबेल मेमोरियल फंड की स्थापना 1 जनवरी, 2002 को नॉर्वे में की गई थी.
  • इस पुरस्कार के तहत 60 लाख नार्वेजियन क्रोनर (6 Million Norwegian Kroner) अर्थात 7 लाख 76 हजार अमेरिकी डॉलर के समतुल्य पुरस्कार राशि प्रदान की जाती है.

प्रथम एबेल पुरस्कार
पहला एबेल पुरस्कार वर्ष 2003 में फ्रांस के गणितज्ञ जीन-पियर सेर को दिया गया था.

एबेल पुरस्कार से सम्मानित भारतीय
श्रीनिवास एसआर वर्धन एक मात्र भारतीय गणितज्ञ हैं जिन्हें वर्ष 2007 में इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.