डेली कर्रेंट अफेयर्स
कोविड-19 की रोकथाम के लिए डॉ. वीके पॉल की अध्यक्षता में समिति का गठित की गयी
सरकार ने देश में कोविड-19 की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विशेषज्ञों की एक उच्चस्तरीय तकनीकी समिति गठित की है. नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल को 21 सदस्यों वाली इस समिति का अध्यक्ष बनाया गया है. केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के महानिदेशक समिति के सह-अध्यक्ष बनाये गये हैं.
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया, दिल्ली के राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केन्द्र के निदेशक डॉ. सुजीत सिंह, पुणे के संक्रामक रोग संस्थान के निदेशक डॉ. संजय पुजारी और केरल के अपर मुख्य सचिव डॉ. रंजन खोबरागडे को सदस्य के रूप में समिति में शामिल किया गया है.
अमेरिका ने अपनी पहली हाइपरसोनिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया
अमेरिका ने 20 मार्च को अपनी पहली हाइपरसोनिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया. यह परीक्षण थल सेना और नौसेना द्वारा संयुक्त रूप से किया गया. इस परीक्षण में मिसाइल ने निर्धारित लक्ष्य तक हाइपरसोनिक गति यानी ध्वनि की गति से पांच गुणा अधिक तेजी से उड़ान भरी.
इस मिसाइल की चाल 6,200 किलोमीटर प्रति घंटा से ज्यादा है. यह बैलेस्टिक मिसाइल परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम होगी. इस परीक्षण से पहले अक्टूबर, 2017 में अमेरिकी सेना एवं नौसेना ने पहला संयुक्त परीक्षण किया था. तब इस प्रतिकृति मिसाइल ने दर्शाया था कि वह हाइपरसोनिक रफ्तार से लक्ष्य की दिशा में उड़ सकती है.
हाइपरसोनिक मिसाइल: एक दृष्टि
हाइपरसोनिक मिसाइल को दुनिया की सबसे तेज हमलावर मिसाइल माना जाता है. इस रफ्तार से उड़ने वाली मिसाइल को किसी भी रडार और एयर डिफेंस सिस्टम से पकड़कर उसे रोकने के लिए कार्रवाई कर पाना असंभव सा है. इससे किसी भी युद्ध का नक्शा बदल सकता है.
हाइपरसोनिक मिसाइल क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइल दोनों के फीचर्स से लेस होती हैं. यह मिसाइल लॉन्च के बाद पृथ्वी की कक्षा से बाहर जाती है. इसके बाद जमीन या हवा में मौजूद टारगेट को निशाना बनाती है. इन्हें रोकना काफी मुश्किल होता है.
रूस ने ‘एवेनगार्ड’ हाइपरसोनिक मिसाइल
अमेरिका ने अपने हाइपरसोनिक मिसाइल का विकास रूस के जवाब में किया है. अमेरिका से पहले दिसंबर 2019 में रूस ने ‘एवेनगार्ड’ हाइपरसोनिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया था. रूस के अनुसार इस मिसाइल की चाल 33000 किलोमीटर प्रति घंटा है. रूस ने अपनी सेना में इसे शामिल कर लिया है.
चीन ने भी हाल ही में अपने पास हाइपरसोनिक मिसाइल ‘डोंगफेंग-41’ होने का दावा किया था. इस चीनी मिसाइल की मारक क्षमता 15000 किलोमीटर है. इस मिसाइल की गति 25 मैक है, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हुई.
मिसाइलों की गति को मैक में प्रदर्शित किया जाता है. एक मैक की गति का मतलब ध्वनि की गति के बराबर चाल है. अमेरिका की रिम-161 एसएम-3 मिसाइल की गति 13.2 मैक है और मारक क्षमत 2500 किलोमीटर है. भारत के सबसे तेज ब्रह्मोस मिसाइल की गति 2.8 मैक है. यह 290 किमी तक मार कर सकती है.
हाइपरसोनिक मिसाइलों के निर्माण में भारत की स्थिति
रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन (Defence Research and Development Organisation- DRDO) ने भारत की अगली पीढ़ी की हाइपरसोनिक मिसाइलों का निर्माण शुरू कर दिया है. इन मिसाइलों के परीक्षण के लिए ‘एक विंड’ टनल बनाया गया है.
इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्लस्टर्स योजना को वित्तीय सहायता देने को मंजूरी दी गयी
केंद्रीय मंत्रिमड़ल ने संशोधित इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्लस्टर्स योजना को वित्तीय सहायता देने को मंजूरी दे दी है. इस योजना के जरिये देश में विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे का विकास किया जायेगा.
इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्लस्टर्स योजना: एक दृष्टि
सरकार ने ‘इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्लस्टर्स योजना’ को देश में व्यापक स्तर पर इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के लिए स्वीकृति दी है. योजना का उद्देश्य घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देना और मोबाइल फोन विनिर्माण तथा विशिष्ट इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में बड़े निवेश को आकर्षित करने के लिए प्रोत्साहन राशि देना है. यह प्रोत्साहन राशि उत्पादन से जुड़ी होगी. सरकार भारत में मोबाइल और संबंधित उपकरणों के विनिर्माण पर बल देगी. केंद्र सरकार इस क्षेत्र में 20 लाख करोड़ रुपये निवेश करेगा जिससे अगले पांच वर्ष में 25 लाख लोगों को रोज़गार मिलेगा.
22 मार्च: विश्व जल दिवस
प्रत्येक वर्ष 22 मार्च को विश्व जल दिवस (World Water Day) मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का प्रमुख उद्देश्य समाज में जल की आवश्यकता, उसके महत्व और संरक्षण के प्रति जागरुकता पैदा करना है. विश्व जल दिवस पानी बचाने के संकल्प के दिन के रूप में मनाया जाता है.
विश्व जल दिवस की वर्ष 2020 की थीम– ‘जल और जलवायु परिवर्तन’ है.
विश्व जल दिवस मनाने की घोषणा 1992 में संयुक्त राष्ट्र ने की थी. 22 मार्च 1993 को पहला विश्व जल दिवस विश्व भर में मनाया गया था.
22 मार्च: बिहार दिवस
प्रत्येक वर्ष 22 मार्च को बिहार दिवस (Bihar Diwas) मनाया जाता है. 22 मार्च 1912 को बिहार को बंगाल प्रेसिडेंसी से अलग कर राज्य बनाया गया था. इस वर्ष यानी 22 मार्च 2020 को बिहार को अलग राज्य बने 108 साल पूरे हो चुके हैं. बिहार सरकार 22 मार्च, 2010 से प्रतिवर्ष बिहार दिवस का आयोजन करती आ रही है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य बिहार के लोगों में स्वाभिमान को जागृत करना है.
बिहार: मुख्य तथ्यों पर एक दृष्टि
- बंगाल से बिहार को अलग करने की घोषणा 12 दिसंबर, 1911 को गई थी. इसी दिन भारत की राजधानी कलकत्ता से स्थानांतरित कर दिल्ली बनाई गई थी.
- नवगठित बिहार प्रांत के प्रथम राज्यपाल सर चार्ल्स स्टूवर्ट बेले और सत्येंद्र प्रसन्न सिन्हा (1920) राज्य के प्रथम भारतीय राज्यपाल थे.
- बिहार को पहले मगध नाम से जाना जाता था. बिहार बौद्ध संस्कृति का जन्म स्थान है, जिस वजह से इस राज्य का नाम पहले विहार और उससे बिहार बना. बिहार की राजधानी पटना का नाम पहले पाटलिपुत्र था.
- बिहार में ही दुनिया के सबसे पुराना विश्वविद्यालय है. इस विश्वविद्यालय को साल 2016 में यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज (UNESCO World Heritage) में शामिल किया गया.
- बिहार भगवान् बुद्ध, भगवान् महावीर तथा गुरु गोविंद सिंह की पवित्र धरती है. भारत के प्रसिद्ध सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य, विक्रमादित्य और अशोका भी बिहार से ही हैं. सिखों के 10वें गुरु गुरु गोबिंद सिंह का जन्म भी बिहार में हुआ.
- बिहार के वैशाली जिले को दुनिया का पहला गणतंत्र माना जाता है. इसी जगह पर भगवान महावीर का जन्म हुआ था.
- 1857 के प्रथम सिपाही विद्रोह में बिहार के बाबू कुंवर सिंह ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
- एक अप्रैल, 1936 को बिहार एवं ओड़िशा अलग हुआ. 1937 में बिहार विधानसभा अस्तित्व में आयी थी.
- 20 जुलाई, 1937 को डॉ श्रीकृष्ण सिंह (प्रथम मुख्यमंत्री) के नेतृत्व में प्रथम सरकार गठित हुई थी. बिहार के प्रथम राज्यपाल का नाम जयरामदास दौलतराम हैं.
देश-दुनिया: एक दृष्टि
सामयिक घटनाचक्र डेलीडोज
तोक्यो ओलंपिक 2020 स्थगित करने का आग्रह: अमेरिका और फ्रांस के तैराकी महासंघों ने कोविड-19 महामारी के कारण तोक्यो ओलंपिक 2020 स्थगित करने का आग्रह किया है. माइकल फेल्प्स के कोच बाब बोमैन ने भी ओलंपिक स्थगित करने का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों के प्रदर्शन ही नहीं बल्कि इस समय उनकी मानसिक स्थिति को भी देखते हुए यही बेहतर होगा.
सभी यात्री रेलगाडियों का परिचालन स्थगित: भारतीय रेल ने 22 मार्च से 31 मार्च तक सभी यात्री रेलगाडियों का परिचालन स्थगित कर दिया है. देश में कोविड-19 के फैलाव को रोकने के लिए रेल मंत्री पीयूष गोयल ने इसकी घोषणा की. ऐसा पहली बार हुआ है जब रेलवे ने कई दिनों के लिए ट्रेनें रद्द दी हों. देश में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बनाए रखने के लिए मालगाडियों की सेवा जारी रहेगी.