डेली कर्रेंट अफेयर्स
शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली
शिवराज सिंह चौहान ने 23 मार्च को चौथी बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. राज्यपाल लालजी टंडन ने राजभवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में उन्होंने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. इससे पहले शिवराज सिंह चौहान को भारतीय जनता पार्टी (BJP) विधायक दल की बैठक में नेता चुना गया था.
मध्यप्रदेश विधानसभा की स्थिति
230 सदस्यों वाली विधानसभा में 25 स्थान रिक्त हैं. वर्तमान में 205 सदस्य हैं, जिसमें BJP के 106, सपा 1, बसपा 2 और 4 निर्दलीय सदस्य हैं. इस प्रकार वर्तमान में मध्यप्रदेश विधानसभा में बहुमत के लिए 103 सदस्यों की जरूरत है.
मध्यप्रदेश विधानसभा: संक्षिप्त घटनाक्रम
2018 में संपन्न हुए मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के 114 और BJP के 109 सदस्य निर्वाचित हुए थे. 230 सदस्यों वाली विधानसभा में बहुमत के लिए 116 निर्वाचित सदस्यों की जरूरत थी. इस प्रकार कांग्रेस ने मुख्यमंत्री कमलनाथ की अगुवाई में बसपा, सपा और निर्दलीय निर्वाचित सदस्यों के समर्थन से सरकार बनाई थी.
उनकी सरकार को 15 महीने भी नहीं हुए थे कि कांग्रेस के नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया BJP में शामिल हो गये. सिंधिया के साथ-साथ कांग्रेस के 22 निर्वाचित सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया. कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गयी थी. जिस कारण मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 20 मार्च को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. जिसके बाद BJP ने राज्यपाल के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश किया था.
शिवराज सिंह चौहान: एक दृष्टि
- शिवराज सिंह चौहान चौथी बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है. वे 2005 से 2018 तक लगातार 13 साल मुख्यमंत्री रह चुके हैं. इस दौरान उन्होंने तीन बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. 29 नवंबर, 2005 को उन्हें बाबूलाल गौर के स्थान पर राज्य का मुख्यमंत्री बनाया गया था.
- उनके फिर मुख्यमंत्री बनने पर मध्यप्रदेश के इतिहास में पहला मौका होगा, जब कोई चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लिया हो. शिवराज के अलावा अब तक अर्जुन सिंह और श्यामाचरण शुक्ल तीन-तीन बार मुख्यमंत्री रहे हैं.
- शिवराज सिंह पहली बार 1990 में बुधनी सीट से मध्य प्रदेश विधानसभा के लिए चुने गए और 1991 में पहली बार विदिशा सीट से लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंचे.
23 मार्च: शहीद दिवस
प्रत्येक वर्ष 23 मार्च को शहीद दिवस (Shaheed Diwas) के रूप में मनाया जाता है. यह दिवस भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को श्रद्धांजलि देने के उद्देश्य से मनाया जाता है. 1931 में इसी दिन इन्हें लाहौर जेल में फांसी दी गई थी.
13 अप्रैल साल 1919 जलियावाला बाग में हुए भीषण नरसंहार ने भगत सिंह के अंदर चिंगारी को भड़का दिया था. लाहौर के नेशनल कॉलेज़ छोड़ भगत सिंह हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन ऐसोसिएशन नाम के एक क्रांतिकारी संगठन से नाता जोड़ लिया.
लाला लाजपत राय की मौत का बदला
साइमन कमीशन के विरोध करने के दौरान लाला लाजपत राय की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. हत्या के आरोपी ब्रिटिश पुलिस अधिकारी जॉन साण्डर्स की हत्या की योजना बनाई गई थी.
हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन ने इस हत्या का बदला लेने का काम भगतसिंह, राजगुरु, सुखदेव, चंद्रशेखर आजाद और जयगोपाल को दिया था.
भगत सिंह और राजगुरु ने 17 दिसंबर 1928 को 0.32 एमएम की सेमी ऑटोमैटिक पिस्टल कॉल्ट से साण्डर्स को मारकर लालाजी की मौत का बदला लिया. यह मामला ‘लाहौर षड्यंत्र केस’ के नाम से भी जाना जाता है.
23 मार्च: विश्व मौसम विज्ञान दिवस
प्रत्येक वर्ष 23 मार्च को ‘विश्व मौसम विज्ञान दिवस’ (World Metrology Day) मनाया जाता है. ‘विश्व मौसम विज्ञान संगठन’ (World Meteorological Organization) के स्थापना के उपलक्ष्य पर यह दिवस मनाया जाता है.
‘विश्व मौसम विज्ञान संगठन’ (WMO) की स्थापना 23 मार्च 1950 को संयुक्त राष्ट्र के एक विभाग के रूप में किया गया था. इसका मुख्यालय स्विट्ज़रलैंड के जेनेवा में स्थित है. भूविज्ञान पर आधारित इस संगठन में कई विषयों पर शोध होता है.
मौसम विज्ञान का उपयोग समय-समय पर आने वाली प्राकृतिक आपदा, वर्षा की स्थिति, चक्रवातों की संभावनाएं, मौसम की सटीक जानकारी आदि के लिए किया जाता है.
इस वर्ष यानी 2020 में विश्व जल दिवस (22 मार्च) और विश्व मौसम विज्ञान दिवस के एक ही विषय (थीम) पर मनाया गया. इस वर्ष का विषय ‘जल और जलवायु परिवर्तन’ (Water and Climate Change) है.
देश-दुनिया: एक दृष्टि
सामयिक घटनाचक्र डेलीडोज
वित्त विधेयक 2020 पारित: लोकसभा में वित्त विधेयक 2020 पास हो गया और इसक साथ लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई है. बजट सत्र का दूसरा चरण 3 अप्रैल तक चलना था, लेकिन कोरोना वायरस के कारण समय से पहले ही कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया.
टोक्यों ओलंपिक 2020: आईओसी के अध्यक्ष थॉमस बाख ने कहा कि 2020 के टोक्यो ओलंपिक को रद्द नहीं किया जाएगा लेकिन इसको स्थगित करना एक विकल्प है क्योंकि पूरा विश्व इस समय कोरोना वायरस जैसे गंभीर महामारी का सामना कर रहा है. इसलिए इसका आयोजन सही समय पर होगा या नहीं इस पर अंतिम निर्णय चार सप्ताह के भीतर लिए जाने की संभावना है. टोक्यों ओलंपिक 2020 का आयोजन 24 जुलाई से होना है.