डेली कर्रेंट अफेयर्स
मार्च का अंतिम शनिवार: 14वां अर्थ ऑवर मनाया गया
ऊर्जा की बचत कर धरती को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष मार्च के अंतिम शनिवार (last Saturday of March) को ‘अर्थ ऑवर’ (Earth Hour) मनाया जाता है. इस वर्ष 28 मार्च 2020 को पूरे विश्व में अर्थ ऑवर मनाया गया. इसमें 187 देशों के सात हजार से ज्यादा शहरों ने हिस्सा लिया. अर्थ आवर का यह 14वां संस्करण था, जो ग्रीन ग्रुप WWF द्वारा आयोजित किया गया था. अर्थ ऑवर 2020 का विषय (थीम) ‘Climate Change’ था.
अर्थ ऑवर क्या है?
अर्थ ऑवर लोगों के लिए जलवायु परिवर्तन पर कार्रवाई करने के लिए दुनिया का सबसे बड़ा जमीनी स्तर का आंदोलन है. इस अवसर पर विश्व भर में लोगों को एक घंटे के लिए गैर-आवश्यक उपकरणों की बिजली बंद करने का आवाहन किया जाता है.
अर्थ ऑवर को वर्ष 2007 में वर्ल्ड वाइड फण्ड फॉर नेचर द्वारा शुरू किया गया था. अर्थ ऑवर के द्वारा पर्यावरण सुरक्षा तथा जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करने के प्रति प्रतिबद्धता प्रकट की जाती है.
वैज्ञानिकों ने गेहूं की उच्च प्रोटीन एवं स्थिर उपज वाली किस्म ‘मैक्स 4028’ विकसित की
पुणे के अगहरकर रिसर्च इंस्टीट्यूट (ARI) के वैज्ञानिकों ने हाल ही में गेहूं की बायोफोर्टीफाइड किस्म ‘MACS 4028’ विकसित की है, जिसमें उच्च प्रोटीन है. ARI भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत एक स्वायत्तशासी संस्थान है. MACS 4028 के विकसित किये जाने की जानकारी ‘इंडियन जर्नल ऑफ जेनेटिक्स एंड प्लांट ब्रीडिंग’ में प्रकाशित की गई थी.
MACS 4028 की विशेषताएं
- MACS 4028 एक अर्ध-बौनी (सेमी ड्वार्फ) किस्म है, जो 102 दिनों में तैयार होती है और जिसमें प्रति हेक्टेयर 19.3 क्विंटल की श्रेष्ठ और स्थिर उपज क्षमता है. यह डंठल, पत्तों पर लगने वाली फंगस, पत्तों पर लगने वाले कीड़ों, जड़ों में लगने वाले कीड़ों और ब्राउन गेहूं के घुन की प्रतिरोधी है.
- इस गेहूं की किस्म में लगभग 14.7% उच्च प्रोटीन, बेहतर पोषण गुणवत्ता के साथ जस्ता (जिंक) 40.3 PPM, और 46.1 PPM लौह सामग्री है.
- MACS 4028 को फसल मानकों पर केन्द्रीय उप-समिति द्वारा अधिसूचित किया गया है. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) ने भी वर्ष 2019 के दौरान बायोफोर्टीफाइड श्रेणी के तहत इस किस्म को टैग किया है.
शॅाट पुट खिलाड़ी नवीन चिकारा को प्रतिबंधित पदार्थ के सेवन के आरोप में प्रतिबंधित किया गया
विश्व एथलेटिक्स परिसंघ ने भारतीय शॅाट पुट खिलाड़ी नवीन चिकारा को प्रतिबंधित पदार्थ के सेवन के आरोप में चार साल के लिये प्रतिबंधित कर दिया है. यह प्रतिबंध 27 जुलाई 2018 से प्रभावी होगा. केन्या के धावक और एशियन गेम्स में सिल्वर विजेता अलबर्ट रोप भी डोप टेस्ट में फेल हो गए हैं. उन पर 2 साल का प्रतिबंध लगा है.
नवीन चिकारा 2018 में हुए डोप परीक्षण में विफल रहे थे. चिकारा ने 2018 फेडरेशन कप में अंतर राज्य चैंपियनशिप में उप-विजेता का रजत पदक जीता था. नवम्बर 2018 में उन्हें अस्थाई रूप से निलंबित किया गया था.
नवीन ने प्रतिबंधित GHRP-6 दवा ली थी
नवीन चिकारा के ब्लड सैंपल को कनाडा के मॉन्ट्रियल में वर्ल्ड एंटी-डोपिंग एजेंसी (WADA) से मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला में भेजा गया था, जो पॉजिटिव आया था. तब नवीन ने इसे स्वीकार करते हुए कहा था कि उन्हें प्रतिबंधित GHRP-6 दवा के बारे में नहीं पता था, जो उन्होंने गलती से ली थी.
आपातकाल के लिए प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और राहत कोष बनाने की घोषणा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और राहत कोष’ (PM CARES) नामक ट्रस्ट बनाने की घोषणा की है. इस विशेष राष्ट्रीय कोष का प्राथमिक उद्देश्य ‘कोविड-19’ महामारी जैसी किसी भी आपात या संकट की स्थिति से निपटना है.
प्रधानमंत्री इस न्यास के अध्यक्ष होंगे. इसके सदस्यों में रक्षा-मंत्री, गृह-मंत्री और वित्त-मंत्री शामिल हैं. इस कोष में वेबसाइट-pmindia.gov.in का इस्तेमाल कर PM CARES Fund में दान किया जा सकता है. इस कोष में छोटी राशि भी दान दी जा सकेगी जिससे बड़ी संख्या में लोग योगदान कर सकेंगे. इसमें दी गई राशि धारा 80-G के तहत आयकर से मुक्त होगी.
नागरिक और संगठन वेबसाइट-pmindia.gov.in पर PM CARES में दान किया जा सकता है.
देश-दुनिया: एक दृष्टि
सामयिक घटनाचक्र डेलीडोज
भारत ‘कोविड-19’ की दवा विकसित करने के लिए WHO के परीक्षण में शामिल होगा: भारत कोविड-19 की दवा विकसित करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के परीक्षण में शामिल होगा. भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के महामारी विज्ञान और संचारी रोग विभाग के प्रमुख डॉक्टर रमन आर गंगाखेडकरने बताया कि शुरूआत में कोरोना पीडितों की संख्या कम होने के कारण भारत ने इस परीक्षण में हिस्सा नहीं लिया था. उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत जांच उपकरण विकसित करनेके उपाय भी किये जा रहे हैं. फिलहाल लगभग तीस समूह कोरोना वायरस के इलाज के लिए टीका विकसित करने पर कामकर रहे हैं.