भारत हिंद महासागर आयोग में पर्यवेक्षक के रूप में शामिल हुआ

सेशल्स में हाल ही में हुई मंत्रिपरिषदीय बैठक में भारत को ‘हिंद महासागर आयोग’ (Indian Ocean Commission) में पर्यवेक्षक के रूप में शामिल किया गया है.

हिंद महासागर आयोग क्या है?

हिंद महासागर आयोग एक अंतर-सरकारी संगठन है जो दक्षिण-पश्चिमी हिंद महासागर क्षेत्र में बेहतर सागरीय-अभिशासन (Maritime Governance) के लिए कार्य करता है. इस आयोग की स्थापना 1982 में मॉरीशस के पोर्ट लुई में की गयी थी. यह आयोग पश्चिमी हिंद महासागर के द्वीपीय राष्ट्रों को सामूहिक रूप से कार्य करने हेतु मंच प्रदान करता है.

हिंद महासागर आयोग के सदस्य

वर्तमान में इस आयोग में कोमोरोस, मेडागास्कर, मॉरीशस, रियूनियन (फ्राँस के नियंत्रण में) और सेशल्स शामिल हैं. भारत के अलावा इस आयोग के चार पर्यवेक्षक- चीन, यूरोपीय यूनियन, माल्टा तथा इंटरनेशनल ऑर्गनाइज़ेशन ऑफ ला फ्रांसोफोनी (International Organisation of La Francophonie- OIF) हैं.

भारत के परिप्रेक्ष्य में

भारत ने इस संगठन में शामिल होने से पश्चिमी हिंद महासागर के इस प्रमुख क्षेत्रीय आयोग में आधिकारिक पहुँच सुनिश्चित होगी. यह आयोग पश्चिमी हिंद महासागर के द्वीपों के साथ भारत की कनेक्टिविटी को बढ़ावा देगा. यह भारत की ‘सागर पहल’ क्षेत्र में सभी के लिये सुरक्षा और विकास (SAGAR- Security And Growth for All in the Region) नीति को और मज़बूत करता है.

चीन ने पूर्वी अफ्रीकी देश जिबूती में सैन्य केंद्र, ग्वादर (पाकिस्तान) और हम्बनटोटा (श्रीलंका) में बंदरगाह के निर्माण के साथ इस क्षेत्र में अपनी व्यापक उपस्थिति दर्ज कराई है. आयोग के सदस्य के रूप में भारत के शामिल होने के बाद इस क्षेत्र की राजनीतिक व सामरिक तस्वीर बदल गई है.