मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने पद से इस्तीफा दिया

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 20 मार्च को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने अपना इस्तीफा राज्यपाल लालजी टंडन को सौंपा. राज्यपाल ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. विधानसभा में बहुमत न होने के चलते उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया है. कमलनाथ ने 17 दिसंबर 2018 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी.

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पर होने वाले मत विभाजन से पहले इस्तीफा दिया. उच्चतम न्यायालय ने राज्य विधानसभा में 20 मार्च को शाम पांच बजे तक बहुमत परीक्षण पूरा कर लिए जाने का निर्देश दिया था. न्यायालय ने यह आदेश मध्यप्रदेश विधानसभा में बहुमत परीक्षण के अनुरोध से जुड़ी पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित 10 भाजपा नेताओं की याचिका पर दिया.

क्या है मामला?

मध्‍यप्रदेश में पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और सत्तारूढ़ कांग्रेस के 22 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था. इससे सदन में कांग्रेस के सदस्यों की संख्या 114 से घटकर 92 रह गई थी. दूसरी ओर, सदन में भाजपा के 107 सदस्य हैं. राज्‍य में बसपा के दो सदस्य हैं जबकि समाजवादी पार्टी का एक और चार निर्दलीय विधायक भी है.

230 सदस्यीय मध्यप्रदेश विधानसभा में दो सीटें पहले से खाली हैं. मौजूदा परिस्थितियों में बहुमत के लिए 104 विधायकों का समर्थन चाहिए. इस प्रकार कमलनाथ के इस्तीफे के बाद राज्य में भाजपा के नेतृत्‍व में नई सरकार के गठन का रास्ता साफ हो गया है.