ओलंपिक मशाल जापान पहुंचा, ग्रीस ने 2020 के टोक्यो ओलिम्पिक आयोजकों को सौंपा

ओलिम्पिक मशाल (Olympic Torch) 20 मार्च को जापान पहुंचा. ग्रीस ने 2020 के टोक्यो ओलिम्पिक आयोजकों को यह मशाल सौंपा. मशाल के साथ एक विमान मात्‍सुशिमा हवाई अड्डे पर उतरा.

कोविड-19 महामारी के मद्देनजर मशाल का स्‍वागत समारोह धूमधाम से नहीं मनाने का फैसला किया गया था. देश भर में ओलिम्पिक मशाल फुकुशिमा में जेविलेज खेल परिसर से 26 मार्च को शुरू होगी.

ओलंपिक में मशाल क्यों जलाई जाती है?

ओलंपिक खेलों में मशाल जलाने की शुरुआत 1936 में हुई थी. उस साल ओलंपिक खेलों की मेजबानी बर्लिन ने की थी. मान्य़ताओं के अनुसार ग्रीस के लोग आग को बहुत पवित्र मानते थे. ओलंपिक मशाल को जलाकर ले जाने की शुरुआत देवता हेरा के मंदिर से शुरु की गई थी. उस समय ओलंपिक मशाल में आग सूर्य की किरणों के जरिए लगाई जाती थी. ऐसा इसलिए क्योंकि सूर्य कि किरणों को काफी पवित्र माना जाता था.