अफगानिस्तान में राजनीतिक संकट: अशरफ गनी और अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने राष्ट्रपति पद की शपथ ली

अफगानिस्तान में 9 मार्च को दो प्रतिंद्वद्वी नेताओं- अशरफ गनी और अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने समांतर समारोहों में राष्ट्रपति के रूप में शपथ ले ली. वहीं अशरफ गनी के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान लगातार विस्फोट हुए. इससे वहां राजनीतिक संकट गहरा गया और इस दौरान राजधानी में कम से कम दो विस्फोट भी हुए. इससे तालिबान के साथ वार्ता की अमेरिका की योजना पर ही संकट गहरा गया.

चुनाव परिणामों में अशरफ गनी को जीत

18 फरवरी को घोषित हुए चुनाव परिणामों में अशरफ गनी को जीत हासिल हुई थी. लेकिन अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने मतगणना में धांधली का आरोप लगते हुए इस चुनाव परिणाम को मनाने से माना कर दिया था. अशरफ गनी के राष्ट्रपति पद के शपथ की घोषणा के बीच ही अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने भी खुद को राष्ट्रपति घोषित करते हुए शपथ की घोषणा कर दी थी.

अशरफ गनी तालिबान के कैदियों को रिहा करेगी

अशरफ गनी ने अपने शपथ ग्रहण समारोह के दौरान अफगानिस्तान में शांति के लिए तालिबान के कैदियों को रिहा करने की घोषणा की. अफगान सरकार की नार्वे में तालिबान के साथ शांति वार्ता होनी है. वार्ता के तहत अफगान सरकार और तालिबान को एक दूसरे के कैदी छोड़ने होंगे. हालांकि, पहले गनी ने कैदियों को छोड़ने से मना कर दिया था.

अफगानिस्तान राष्ट्रपति चुनाव

अफगानिस्तान में 28 सितंबर 2019 को राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव हुए थे. अब्दुल्ला ने मतगणना में धांधली का आरोप लगाया था. दोबारा वोटों की गिनती के बाद 18 फरवरी को परिणाम जारी किए गए थे. 50.64% वोटों के साथ अशरफ गनी की जीत हुई थी. लेकिन अब्दुल्ला ने इसे मानने से इनकार कर दिया था.

कौन है अब्दुल्ला अब्दुल्ला?

अशरफ गनी और अब्दुल्ला अब्दुल्ला पुराने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी हैं. अब्दुल्ला अब्दुल्ला अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हैं. वह अफगानिस्तान के विदेश मंत्री भी रह चुके हैं. पिछली सरकार में विवाद होने पर उन्हें मुख्य कार्यकारी बनाकर सत्ता में साझेदार बनाया गया था.