RBI ने यस बैंक के निदेशक मंडल को भंग किया, SBI 49 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदेगी

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 5 मार्च को निजी क्षेत्र के यस बैंक (Yes Bank) के निदेशक मंडल को भंग करते हुए प्रशासक नियुक्त कर दिया था. बैंक का नियंत्रण भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के नेतृत्व में वित्तीय संस्थानों के एक समूह के हाथ में देने की तैयारी की गई है. SBI के पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी (CFO) प्रशांत कुमार को यस बैंक का प्रशासक नियुक्त किया गया है.

इसके साथ ही RBI ने बैंक के जमाकर्ताओं पर निकासी की सीमा सहित इस बैंक के कारोबार पर कई तरह की पाबंदियां भी लगा दीं. केंद्रीय बैंक ने अगले आदेश तक बैंक के ग्राहकों के लिए निकासी की सीमा एक महीने में 50,000 रुपये तय कर दी है. उल्लेखनीय है कि RBI ने करीब छह माह पहले घोटाला सामने आने के बाद PMC बैंक के मामले में भी इसी तरह का कदम उठाया गया था.

यस बैंक: मुख्य बिंदु

यह बैंक अगस्त 2018 से डूबे कर्ज की समस्या से जूझ रहा है. उस समय RBI ने बैंक के संचालन और ऋण से जुड़ी खामियों की वजह से तत्कालीन प्रमुख राणा कपूर को 31 जनवरी, 2019 तक पद छोड़ने को कहा था. इस बैंक को मार्च 2019 की तिमाही में पहली बार घाटा हुआ था.

2004 में शुरू हुए यस बैंक का मुख्यालय मुंबई में है. यह भारत में निजी (प्राइवेट) क्षेत्र का चौथा सबसे बड़ा बैंक है. इसकी देश के 28 राज्यों और 9 केंद्रशासित प्रदेशों में मौजूदगी है. देशभर में इसकी तकरीबन 1000 शाखाएं हैं और 1800 ATM हैं.

सक्षिप्त घटनाक्रम

  1. राणा कपूर ने अपने रिश्तेदार अशोक कपूर के साथ मिलकर 2004 में यस बैंक की शुरुआत की थी. 26/11 के मुंबई हमले में अशोक कपूर की मौत हो गई, उसके बाद अशोक कपूर की पत्नी मधु कपूर और राणा कपूर के बीच बैंक के मालिकाना हक को लेकर लड़ाई शुरू हो गई. कोर्ट से राणा कपूर को जीत मिली.
  2. यस बैंक अनिल अंबानी ग्रुप, आईएलएंडएफएस, सीजी पावर, एस्सार पावर, रेडियस डिवेलपर्स और मंत्री ग्रुप जैसे कारोबारी घरानों को कर्ज देने में आगे रहा. बाद में जब ये कारोबारी समूह डिफॉल्टर साबित हुए तो बैंक को करारा झटका लगा.
  3. RBI ने शक के कारण 2015 में यस बैंक का असेट क्वॉलिटी रीव्यू (AQR) शुरू किया. RBI ने पाया कि 2017 में बैंक ने 2018 करोड़ का बैड लोन (NPA) दिखाया है, जबकि कुल NPA 8373 करोड़ का है. मतलब यस बैंक ने 6355 करोड़ का NPA छिपाया. इसके बाद RBI ने आगे की कार्रवाई की. जनवरी 2019 में राणा कपूर को चेयरमैन पद से हटा दिया गया.
  4. RBI ने 5 मार्च 2020 को इसके बोर्ड को भंग कर दिया. SBI के पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी (CFO) प्रशांत कुमार को यस बैंक का प्रशासक नियुक्त किया.
  5. संकट के बीच स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने यस बैंक को बचाने का प्लान पेश किया. SBI 2,450 करोड़ रुपये में यस बैंक के 10 रुपये अंकित मूल्य वाले 245 करोड़ शेयर खरीदने की घोषणा की. इस प्रकार SBI 2450 करोड़ रुपये में में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदेगी.
  6. प्रवर्तन निदेशालय ने छंटों चली पूछताछ के बाद 7 मार्च को राणा कपूर को धन शोधन के आरोप में गिरफ्तार कर लिया. केन्‍द्रीय अन्‍वेषण ब्‍यूरो (CBI) ने राणा कपूर, दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल), के प्रोमोटर कपिल वाधवन और डॉयट अर्बन वेंचर्स (इंडिया) लिमिटेड के खिलाफ आपराधिक षडयंत्र, धोखाधड़ी और भ्रष्‍टाचार का मामला दर्ज किया.