RBI मौद्रिक नीति समिति की बैठक: रेपो दर घटाकर 4.4 प्रतिशत किया गया

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक 27 मार्च को मुंबई में हुई. RBI ने इस बैठक में COVID-19 (कोरोना वायरस) से देश की अर्थव्‍यवस्‍था पर पड़ने वाले प्रभाव से बचाने के लिए महत्त्वपूर्ण घोषणाएं की.

इस बैठक में RBI ने बेंचमार्क ब्याज दरों में कमी किए जाने और सभी सावधि ऋण और पूंजीगत ऋण के मासिक भुगतान पर तीन महीने तक की राहत देने की घोषणा की.

इस बैठक में RBI ने नीतिगत ब्याज दर यानी रेपो रेट में 0.75 प्रतिशत की कमी करके उसे 4.4 प्रतिशत कर दिया है. रिवर्स रेपो दर में भी 90 आधार अंकों की कमी करके उसे 4 प्रतिशत किया गया है. इसी तरह नकद आरक्षी अनुपात (Cash Reserve Ratio) भी 4 प्रतिशत से घटाकर 3 प्रतिशत किया गया है.

RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि इन उपायों से अर्थव्यवस्था में तीन लाख चौहत्तर हजार करोड़ रुपये अतिरिक्त उपलब्ध होंगे. इन घोषणाओं से नगदी के प्रवाह में सुधार होगा तथा मध्‍यम वर्ग और व्‍यापार जगत को राहत मिलेगी और कर्ज की दरों में कमी होगी.

रेपो रेट कम होने से कैसे लोगों को होता है फायदा?

रेपो रेट के कम होने से बैंकों को RBI से कम व्याज पर कर्ज मिलता है. इस सस्ती लागत का लाभ कर्ज लेने वाले ग्राहकों को मिलता है. इससे बैंकों को घर, दुकान, पर्सनल और कार के लिये लोन कम दरों पर देने का मौका मिलता है. ग्राहकों के चल रहे लोन पर EMI का भी कम होता है.

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI): एक दृष्टि

  • भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) भारत का केन्द्रीय बैंक है. यह भारत के सभी बैंकों का संचालक है.
  • RBI की स्थापना 1 अप्रैल 1935 को RBI ऐक्ट 1934 के अनुसार हुई. प्रारम्भ में इसका केन्द्रीय कार्यालय कोलकाता में था जो सन 1937 में मुम्बई आ गया.
  • पहले यह एक निजी बैंक था किन्तु सन 1949 से यह भारत सरकार का उपक्रम बन गया है.
  • भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) को भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के तहत अनिवार्य रूप से मौद्रिक नीति के संचालन की जिम्मेदारी सौपीं गई है.

वर्तमान दरें: एक दृष्टि

नीति रिपो दर4.40%
प्रत्‍यावर्तनीय रिपो दर4%
सीमांत स्‍थायी सुविधा दर4.65%
बैंक दर4.65%
CRR3%
SLR18.25%

क्या होता है रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट, सीआरआर और एसएलआर?