प्रत्येक वर्ष 2 अप्रैल को विश्व ऑटिज़्म जागरूकता दिवस (World Autism Awareness Day) मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य ऑटिज्म से ग्रस्त लोगों को इससे लड़ने तथा इसका निदान करने के लिए प्रोत्साहित करना है ताकि वे समाज में अन्य लोगो की तरह पूर्ण और सार्थक जीवन जी सकें.
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2007 में 2 अप्रैल के दिन को विश्व ऑटिज़्म जागरूकता दिवस के रूप में घोषित किया था. पहला विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस 2 अप्रैल 2008 को मनाया गया था. नीले रंग को ऑटिज्म का प्रतीक माना गया है.
इस वर्ष यानी 2020 में विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस का विषय (थीम) ‘The Transition to Adulthood’ है.
ऑटिज्म (Autism): एक दृष्टि
ऑटिज्म एक आजीवन न्यूरोलॉजिकल विकार (disorder) है. इसके लक्षण जन्म से प्रथम तीन वर्षों में ही नज़र आने लगते. जिन बच्चों में यह रोग होता है उनका मानसिक विकास अन्य बच्चों से असामान्य होता है. यह जीवन-पर्यंत बना रहने वाला विकार है.
ऑटिज्म से ग्रसित व्यक्ति दूसरों से अलग स्वयं में खोया रहता है. ऑटिज्म के रोगी को मिर्गी के दौरे भी पड़ सकते हैं. यह बीमारी पूरी दुनिया में फैला हुआ है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-04-02 23:55:432020-04-03 00:30:002 अप्रैल: विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी