एशिया की अर्थव्यवस्था पर IMF का ब्लॉग, 2020 में वृद्धि दर शून्य रहने का अनुमान

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने ‘कोविड-19 महामारी और एशिया-प्रशांत क्षेत्र: 1960 के दशक के बाद की सबसे कम वृद्धि दर’ शीर्षक से एक ब्लॉग प्रकाशित किया है. इस ब्लॉग में कोरोना वायरस महामारी के कारण एशिया-प्रशांत क्षेत्र की आर्थिक वृद्धि दर पर चर्चा की गयी है.

ब्लॉग के मुख्य बिंदु:

  • इस महामारी का एशिया-प्रशांत क्षेत्र में गंभीर और अप्रत्याशित असर होगा. हालांकि गतिविधियों के संदर्भ में अन्य क्षेत्रों की तुलना में अभी भी एशिया बेहतर स्थिति में है.
  • 2020 में एशिया की वृद्धि दर 0 (शून्य) रहने की आशंका है. शून्य वृद्धि दर करीब 60 साल की सबसे खराब स्थिति होगी. एशिया की आर्थिक वृद्धि दर वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान 4.7 प्रतिशत और एशियाई वित्तीय संकट के दौरान 1.3 प्रतिशत थी.
  • इस साल वैश्विक अर्थव्यवस्था में तीन प्रतिशत की गिरावट आने के अनुमान हैं. एशिया के दो बड़े व्यापारिक भागीदार अमेरिका और यूरोप में क्रमश: 6 प्रतिशत और 6.6 प्रतिशत की गिरावट के अनुमान हैं. IMF ने दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया के लिए आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान में क्रमश: 3.5 प्रतिशत और 9 प्रतिशत की कटौती की है.
  • एशिया में उत्पादकता में भारी गिरावट देखने को मिल सकती है. अब भी एशिया क्षेत्र अन्य क्षेत्रों की तुलना में बेहतर कर सकता है.
  • इस साल भारत की विकास दर सबसे ज्यादा 1.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है. चीन की आर्थिक वृद्धि दर भी 2019 के 6.1 प्रतिशत से गिरकर 1.2 प्रतिशत पर आ जाने की आशंका है. 2021 में चीन 9.2 फीसदी और भारत 7.4 फीसदी की दर से विकास कर सकता है.