अधीर रंजन चौधरी संसद के लोक लेखा समिति के अध्यक्ष चुने गए

कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी को संसद की लोक लेखा समिति (Parliament’s public accounts committee-PAC) के पुनः अध्यक्ष चुने गये हैं. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी दलों की राय से उन्हें इस समिति का अध्यक्ष चुना है. परंपरा के तौर पर इस समिति के अध्यक्ष का पद विपक्षी दल के नेता को दिया जाता रहा है.

अध्यक्ष सहित इस समिति में लोकसभा और राज्यसभा के 20 सदस्य चुने गए हैं. इनमें लोकसभा से 15 और राज्यसभा से 5 सदस्य शामिल हैं. समिति का कार्यकाल 1 मई 2020 से 30 अप्रैल 2021 तक रहेगा.

क्या है लोक लेखा समिति (PAC)?

  • लोक लेखा समिति (PAC) का काम सरकारी खर्चों के खातों की जांच करना है. जांच का आधार नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट होती है.
  • PAC की रिपोर्टों में सिफारिशें होती हैं जो तकनीकी रूप से सरकार के लिए बाध्यकारी नहीं होतीं. लेकिन, उन्हें गंभीरता से लिया जाता है और सरकार संसद में कार्रवाई नोट्स भी रखती है.
  • PAC संसद की सबसे पुरानी समिति है. इस समिति का प्रावधान 1921 में भारत सरकार अधिनियम 1919 में किया गया था.
  • PAC का कार्यकाल 1 वर्ष का होता है. PAC के अध्यक्ष का चयन लोकसभा अध्यक्ष द्वारा विपक्षी दलों की राय से किया जाता है. इस समिति में अधिकतम 22 सदस्य हो सकते हैं.