डेली कर्रेंट अफेयर्स
नेपाल ने लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा को अपने क्षेत्र में दिखाया
नेपाल सरकार ने अपने देश का नया राजनीतिक और प्रशासनिक मानचित्र जारी किया है. नेपाल के भू-बंधन और सुधार मंत्रालय की ओर से मंत्री पद्मा अरयाल ने यह नया मानचित्र 19 मई को जारी किया. इस मानचित्र को मंजूरी के लिए नेपाली संसद के समक्ष रखा जाएगा.
नेपाल द्वारा जारी नए मानचित्र में भारत के लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा के कुल 395 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को नेपाल के हिस्से में दिखाया गया है. इस मानचित्र में कालापानी के कुल 60 वर्ग किलोमीटर और लिंपियाधुरा के 335 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र शामिल किया गया है.
भारत द्वारा सड़क का निर्माण
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में उत्तराखंड में धारचूला से लिपुलेख तक नई रोड का उद्घाटन किया था. इस रोड पर नेपाल ने आपत्ति जताई है. इस रोड के निर्माण से कैलाश मानसरोवर जाने वाले तीर्थयात्रियों की दूरी कम हो जाएगी. यह रोड सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है.
सुगौली संधि में तय किया गया है भारत-नेपाल की सीमा
नेपाल और ब्रिटिश इंडिया के बीच सुगौली संधि साल 1816 में हुआ था. सुगौली बिहार के बेतिया यानी पश्चिम चंपारण में नेपाल सीमा के पास एक छोटा सा शहर है.
इस संधि में कालापानी इलाके से होकर बहने वाली महाकाली नदी भारत-नेपाल की सीमा मानी गई है. इस संधि में तय हुआ कि काली या महाकाली नदी के पूरब का इलाका नेपाल का होगा. बाद में अंग्रेज सर्वेक्षकों ने काली नदी का उदगम स्थान अलग-अलग बताना शुरू कर दिया.
दरअसल महाकाली नदी कई छोटी धाराओं के मिलने से बनी है और इन धाराओं का उदगम अलग-अलग है. नेपाल का कहना है कि कालापानी के पश्चिम में जो उदगम स्थान है वही सही है और इस लिहाज से पूरा इलाका उसका है. दूसरी ओर भारत दस्तावजों के सहारे साबित कर चुका है कि काली नदी का मूल उदगम कालापानी के पूरब में है.
सुगौली संधि के अंतर्गत नेपाल को अपने नियंत्रण वाले क्षेत्रों से उन सभी हिस्सों पर हक छोड़ना था, जो नेपाल के राजा ने युद्धों में जीतकर हासिल किए थे. इनमें पूर्वोत्तर में सिक्किम रियासत तथा पश्चिम में कुमाऊं और गढ़वाल के क्षेत्र भी शामिल थे.
चीनी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए महत्वपूर्ण है कालापानी
कालापानी चीन, नेपाल और भारत की सीमा के मिलन-बिंदु पर भारतीय राज्य उत्तराखंड में है. कालापानी इलाके का लिपुलेख दर्रा चीनी गतिविधियों पर नजर रखने के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है. 1962 से ही कालापानी पर भारत की इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस की पहरेदारी है.
रस्किन बॉन्ड की नई पुस्तक ‘Hop On; My Adventures on Boats, Trains and Planes’ का विमोचन
विश्व प्रसिद्ध अंग्रेजी भाषा के लेखक रस्किन बॉन्ड की नई पुस्तक ‘Hop On; My Adventures on Boats, Trains and Planes’ का 19 मई को विमोचन किया गया. यह पुस्तक ebook के रूप में उनके 86वें जन्मदिन पर प्रकशित की गयी. इस पुस्तक में उनके बचपन के कुछ यादगार यात्रा रोमांचों का वर्णन किया गया है.
द ब्लू अम्ब्रेला, नाइट ट्रेन एट देओली, द रूम ऑन द रूफ, अवर ट्रीज स्टिल ग्रो इन देहरा आदि रस्किन बॉन्ड की कुछ लोकप्रिय किताबें हैं.
रस्किन जन्म हिमाचल प्रदेश के कसौली में हुआ और वे देश आजाद होने के बाद भी भारत में ही रहे. 1964 से वे उत्तराखंड के मसूरी में रह रहे हैं. 1999 में भारत सरकार ने उन्हें साहित्य के क्षेत्र में उनके योगदानों के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया. 2014 में उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया.
20 मई 2020: विश्व में तीसरा विश्व मधुमक्खी दिवस मनाया गया
प्रत्येक वर्ष 20 मई को संपूर्ण विश्व में ‘विश्व मधुमक्खी दिवस’ (World Bee Day) मनाया जाता है. मानवीय गतिविधियों के कारण मधुमक्खी और अन्य परागणकों जैसे तितलियों, चमगादड़ और हमिंग-बर्ड का जीवन खतरे में है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य मधुमक्खी और अन्य परागणकों के महत्व, तथा संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाना है.
विश्व मधुमक्खी दिवस 2020 की थीम
इस वर्ष यानी 2020 में विश्व मधुमक्खी दिवस का मुख्य विषय (थीम)- मधुमक्खियों को बचाओ (Save the Bees) है.
एंटोन जनसा के जन्म दिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है
यह दिवस 18वीं शताब्दी में आधुनिक मधुमक्खी पालन की तकनीक का नेतृत्व करने वाले एंटोन जनसा (Antone Jansa) के जन्म दिन (20 मई) के उपलक्ष्य में मनाया जाता है.
विश्व मधुमक्खी दिवस का इतिहास
स्लोवेनिया के बीकीपर्स एसोसिएशन के नेतृत्व में संयुक्त राष्ट्र के सम्मुख 20 मई को प्रतिवर्ष विश्व मधुमक्खी दिवस’ मनाने का प्रस्ताव रखा गया था. इस प्रस्ताव को 7 जुलाई, 2017 को इटली में आयोजित संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन के सत्र में अनुमोदित किया गया था.
पहला ‘विश्व मधुमक्खी दिवस’ 20 मई 2018 को मनाया गया था. इस वर्ष यानी 2020 में तीसरा विश्व मधुमक्खी दिवस मनाया गया.
देश-दुनिया: एक दृष्टि
सामयिक घटनाचक्र डेलीडोज
ओडिशा में चक्रवाती तूफान अम्फान: ओडिशा और पश्चिम बंगाल में चक्रवाती तूफान अम्फान (amphan cyclone) ने दस्तक दी है. मौसम वैज्ञानिकों ने इसे ‘सुपर-साइक्लॉन’ की संज्ञा दी है. सुपर-साइक्लॉन में 150 से 200 की रफ्तार में हवाएं चलती हैं. मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजयमहापात्र ने कहा है कि 1999 के बाद यह दूसरा प्रचंड सुपर-साइक्लॉन है.
सार्वजनिक स्थल पर थूकना दण्डनीय अपराध: सार्वजनिक स्थल पर थूकना अब से जुर्माने के साथ दण्डनीय अपराध होगा. सरकार के सभी विभागों को जारी कार्मिक मंत्रालय के आदेश में कहा गया है कि विभागाध्यक्ष इस संबंध में सभी निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करें. सभी सार्वजनिक जगहों और कार्यस्थलों में मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया गया है.
परीक्षाओं के अभ्यास के लिए ऐप: केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने ‘National Test Abhyas’ नाम से एक नया मोबाइल ऐप शुरू किया है. राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) ने संयुक्त प्रवेश परीक्षा (JEE) मेन और राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा NEET जैसी परीक्षाओं के अभ्यास के लिए यह ऐप तैयार किया है.