पैरा-एथलीट दीपा मलिक ने संन्यास की घोषणा की, PCI अध्यक्ष चुनी गयीं हैं

भारतीय महिला पैरा-एथलीट दीपा मलिक ने सक्रिय खेलों से संन्यास की 11 मई को सार्वजनिक घोषणा की. उन्होंने यह फैसला भारतीय पैरालिंपिक समिति (PCI) का अध्यक्ष बनने से पहले किया था. नेशनल स्पोर्ट्स कोड के अनुसार सक्रिय एथलीट किसी भी फेडरेशन में आधिकारिक रूप से पद पर नहीं रह सकता है.

भारतीय पैरालिंपिक समिति (PCI) अध्यक्ष चुनी गयीं

49 साल की दीपा को दिल्ली हाई कोर्ट के निर्देश पर फरवरी में हुए चुनाव मे PCI का अध्यक्ष चुना गया था. खेल मंत्रालय ने लॉकडाउन के कारण PCI को मान्यता नहीं दिया है.

दीपा मलिक: एक दृष्टि

  • देश की प्रतिष्ठित खिलाड़ियों में से एक दीपा को 1999 में रीढ़ के ट्यूमर का पता चला था, जिसके बाद वह लकवे की शिकार हो गईं थीं.
  • दीपा ने रियो पैरालिंपिक खेल 2016 की गोला फेंक (Shot Put) की F53 स्पर्धा में रजत पदक जीता था. वह पैरालंपिक खेलों में पदक जीतने वाली पहली भारतीय खिलाडी हैं.
  • उन्होंने 2011 IPC विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप की गोला फेंक की F52-53 स्पर्धा में रजत पदक सहित कई अन्तर्राष्ट्रीय पदक जीते.
  • दीपा ने एशिया पैरा खेलों में चार पदक जीते जिसमें 2010 में भाला फेंक (Javelin Event) की F52-53 स्पर्धा का कांस्य, 2014 में भाला फेंक की F52-53 स्पर्धा में रजत और 2018 में दो कांस्य पदक शामिल हैं.
  • दीपा को 2019 में देश के सर्वोच्च खेल सम्मान ‘राजीव गांधी खेल रत्न’ से नवाजा गया था. 2017 में उन्हें पद्मश्री और 2012 में अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया गया.
  • दीपा ने PCI चुनाव लड़ने से पहले अपने संन्यास लेने का पत्र जमा कराया था. PCI लॉकडाउन के कारण खेल मंत्रालय को कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज जमा नहीं करा पाया जिस कारण खेल मंत्रालय ने उसे मान्यता नहीं दी.