वायुसेना ने LCA तेजस के साथ नए स्क्वाड्रन ‘फ़्लाइंग बुलेट्स’ का शुभारंभ किया
वायुसेना ने हल्के लड़ाकू विमान LCA तेजस के साथ अपने नए स्क्वाड्रन नंबर-18 ‘फ़्लाइंग बुलेट्स’ के संचालन का शुभारंभ किया. वायुसेना प्रमुख एअर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने कोयम्बटूर के निकट सुलूर वायुसेना अड्डे में इसकी शुरूआत की.
फ़्लाइंग बुलेट्स आधुनिक बहुउद्देश्यीय लड़़ाकू विमान LCA तेजस के साथ संचालित होने वाली वायुसेना की दूसरी स्क्वाड्रन के रूप में काम करेगी. तेजस के साथ संचालित पहली स्क्वाड्रन का नाम नंबर-45 ‘फ़्लाइंग डैगर्स’ है जिसका मुख्यालय भी सुलूर वायुसेना अड्डा ही है.
नम्बर-18 स्क्वाड्रन
नम्बर-18 स्क्वाड्रन का गठन 1965 में हुआ था और श्रीनगर से संचालित और वहां उतरने वाला यह पहला स्क्वाड्रन था. इस स्क्वाड्रन से कुछ सैनिकों को 1971 में पाकिस्तान के साथ युद्ध के दौरान परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था. इस स्क्वाड्रन को इस वर्ष सुलूर बेस में 1 अप्रैल से फिर शुरू किया गया है.
LCA तेजस
यह देश में ही निर्मित LCA तेजस चौथी पीढ़ी का लडाकू विमान है. इसे हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने तैयार किया. LCA तेजस हल्के लड़ाकू विमान को सभी मानकों के साथ पूर्ण संचालन की मंजूरी मिल गयी है.
इस विमान में फ्लाई बाई वायर उड़ान नियंत्रित प्रणाली, एकीकृत डिजिटल वैमानिकी और बहुआयामी रडार प्रणाली है. इस सुपरसोनिक लड़ाकू विमान को अपनी तरह का सबसे हल्का और सबसे छोटा विमान माना जा रहा है.