महाराष्ट्र विधान परिषद के लिए मुख्‍यमंत्री उद्धव ठाकरे सहित 9 उम्‍मीदवार निर्विरोध निर्वाचित हुए

महाराष्‍ट्र में 14 मई को राज्‍य विधान परिषद सदस्य के रूप में मुख्‍यमंत्री उद्धव ठाकरे सहित 9 उम्‍मीदवार निर्विरोध निर्वाचित घोषित किए गए। विधान परिषद के 9 सदस्य के चुनाव के लिए कांग्रेस के 1, भाजपा के 4, राकांपा के 2 और शिवसेना के 2 उम्मीदवारों ने नामांकन किया था।

निर्वाचन आयोग ने महाराष्ट्र विधान परिषद की 9 सीटों के लिए चुनाव 21 मई को करने की घोषणा की थी. इस चुनाव के लिए 9 योग्य उम्मीदवारों ने ही नामांकन किया था. ऐसे में बिना चुनाव हुए ही सभी निर्वाचित हो गए।

इससे पहले, कोरोना संक्रमण के फैलाव को देखते हुए चुनाव स्थगित कर दिए गए थे. महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने 30 अप्रैल को निर्वाचन आयोग को पत्र लिख कर महाराष्ट्र विधान परिषद की रिक्त 9 सीटों के लिए चुनाव कराने का अनुरोध किया था.

मुख्यमंत्री बने रहने के लिए राज्य विधानमंडल का सदस्य होना अनिवार्य

किसी भी राज्य का मुख्यमंत्री के लिए शपथ लेने के छह महीने के भीतर राज्य विधानमंडल के किसी एक सदन (विधानसभा या विधानपरिषद) का सदस्य होना संवैधानिक रूप से अनिवार्य है.

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ऊद्धव ठाकरे को 28 नवम्बर 2019 को राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई थी. वे राज्य विधानमंडल के किसी भी सदन के सदस्य नहीं थे.

भारतीय संविधान के अनुसार मुख्यमंत्री ठाकरे को पद पर बने रहने के लिए मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के छह महीने के भीतर यानी 28 मई तक उन्हें किसी एक सदन का सदस्य होना अनिवार्य था.

विधान परिषद (State Legislative Council): एक दृष्टि

  • भारत के छः राज्यों में विधान परिषद, विधानमंडल का अंग है. यानी इन राज्यों में विधानसभा निचला सदन और विधानपरिषद उच्च सदन के रूप में गठित है.
  • भारतीय संविधान का अनुच्छेद 171 किसी राज्य में विधानसभा के अलावा एक विधान परिषद के गठन का विकल्प प्रदान करता है. संविधान का अनुच्छेद 169 राज्य में विधान परिषद को समाप्त करने की शक्ति प्रदान की गयी है.
  • विधान परिषद सदस्य (MLC) का कार्यकाल 6 वर्ष का होता है, जहां प्रत्येक दो वर्ष की अवधि पर इसके एक-तिहाई सदस्य कार्यनिवृत्त हो जाते हैं.

छह राज्यों में विधान परिषद का अस्तित्व

वर्तमान में छह राज्यों आंध्र प्रदेश, बिहार, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश में विधानसभा के साथ-साथ विधान परिषद का भी गठन किया गया हैं. जम्मू-कश्मीर को केन्द्र शासित प्रदेश बनाने से पहले यहाँ भी विधान परिषद अस्तित्व में था.

विधानपरिषद सदस्यों का चुनाव प्रक्रिया

  1. राज्यसभा की तरह विधान परिषद के सदस्य सीधे मतदाताओं द्वारा निर्वाचित नहीं होते. इसके सदस्य अप्रत्यक्ष चुनाव के द्वारा चुने जाते हैं. कुछ सदस्य राज्यपाल के द्वारा मनोनित किए जाते हैं.
  2. विधान परिषद के लगभग एक तिहाई सदस्य विधानसभा के सदस्यों द्वारा चुने जाते हैं. एक तिहाई निर्वाचिका द्वारा, जिसमें नगरपालिकाओं के सदस्य, जिला बोर्डों और राज्य में अन्य प्राधिकरणों के सदस्य शामिल हैं, द्वारा चुने जाते हैं.
  3. एक बटा बारह (1/12) सदस्यों का चुनाव निर्वाचिका द्वारा ऐसे व्यक्तियों द्वारा किया जाता है जिन्होंने कम-से-कम तीन वर्षों तक राज्य के उच्च शैक्षिक संस्थाओं में अध्यापन में लगे रहे हों.
  4. एक बटा बारह सदस्यों का चुनाव पंजीकृत स्नातकों द्वारा किया जाता है जो तीन वर्ष से अधिक समय पहले पढ़ाई समाप्त कर लिए हैं.
  5. शेष सदस्य राज्यपाल द्वारा साहित्य, विज्ञान, कला, सहयोग आन्दोलन और सामाजिक सेवा में उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों में से नियुक्त किए जाते हैं.