गिर वन में एशियाई शेर की आबादी में लगभग 29 प्रतिशत की वृद्धि

गुजरात के गिर वन इलाके में एशियाई शेर (Asiatic Lion) की आबादी में लगभग 29 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. 2015 में हुई आखिरी गिनती के समय गिर के जगंलों में शेर की तादाद 523 थी, वहीं अब बढ़कर 674 हो गई है.

शेरों की आबादी की गिनती गुजरात राज्य के वन विभाग द्वारा हर पांच साल पर की जाती है. 2020 में वन विभाग द्वारा जारी आंकड़े के अनुसार वर्तमान में राज्य के कुल 674 एशियाई शेरों में 260 मादा, 161 नर, 93 उप-वयस्क और 137 शावक हैं.

जारी आंकड़े के अनुसार राज्य में एशियाई शेरों के प्रवास क्षेत्रफल में भी 36 प्रतिशत वृद्धि हुई है, वर्तमान में राज्य में एशियाई शेरों का प्रवास क्षेत्रफल वर्ष 2015 के 22,000 वर्ग किमी से बढ़कर 30,000 वर्ग किमी तक पहुँच गया है.

एशियाई शेर (Asiatic lion): एक दृष्टि

एशियाई शेर का वैज्ञानिक नाम पैंथेरा लियो पर्सिका (Panthera Leo Persica) है. ये मुख्यतः गुजरात में गिर के जंगलों और जूनागढ़, अमरेली तथा भावनगर ज़िलों के संरक्षित क्षेत्रों में पाए जाते हैं.

एशियाई शेर को ‘भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972’ के तहत अनुसूची-I में रखा गया है. International Union for Conservation of Nature (IUCN) ने एशियाई शेरों को संकटग्रस्त श्रेणी में रखा है.

शेरों की जनगणना (Lion Census)

प्रथम शेर जनगणना 1936 में जूनागढ़ के तत्कालीन नवाब द्वारा कराई गई थी. वन विभाग 1965 से हर पाँच वर्ष पर शेरों की जनगणना करता है. इस वर्ष यानी 2020 में शेरों की जनगणना 5 और 6 जून को पूर्णिमा को की गई. जिसे ब्लॉक काउंट मेथड कहा जाता है. टाइम, GPS लोकेशन, शेर के ग्रुप और उनकी तादाद, रेडियो कॉलर नंबर्स, ई-गुजरात फॉरेस्ट डेटा के आधार पर पूरी गिनती की जाती है.