बैंकिंग विनियमन संशोधन अध्‍यादेश, 2020 लागू, सहकारी बैंक RBI की निगरानी में

राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 27 जून को बैंकिंग विनियमन संशोधन अध्‍यादेश, 2020 को मंजूरी दे दी. इस अध्‍यादेश के जरिए बैंकिंग विनियमन अधिनियम (Banking Regulation Act), 1949 में संशोधन किया गया है.

अध्‍यादेश के तहत खाताधारकों के हितों की रक्षा और प्रशासन में सुधार से सहकारी बैंकों को मजबूत करने के प्रावधान किये गए हैं. इसके साथ ही, सहकारी बैंकों के मामले में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौजूदा शक्तियों का भी विस्‍तार किया गया है.

अध्‍यादेश के लागू हो जाने के बाद देश के 1,482 शहरी सहकारी बैंक और 58 बहु-राज्य सहकारी बैंक RBI की निगरानी (सुपरवाइजरी पॉवर्स) के अंतर्गत आ जाएंगे. अब RBI की शक्तियां जैसे कि अनुसूचित बैंकों पर लागू होती हैं, वैसे ही अब सहकारी बैंकों के लिए भी लागू होंगी.

अध्यादेश (Ordinance) क्या होता है?

  • संविधान के अनुच्छेद 123 के अनुसार अध्यादेश ऐसा कानून हैं जिन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल की सिफारिश पर भारत के राष्ट्रपति की मंजूरी से लागू किया जाता है.
  • अध्यादेश तभी जारी किया जाता है जब संसद का सत्र नहीं चल रहा होता है. इसका प्रभाव संसद द्वारा बनाए गए कानून के बराबर ही होती है और यह तत्काल लागू हो जाता है, परंतु ये अल्पकालिक होती हैं.
  • अध्यादेश को मान्य रहने के लिए अधिकतम 6 महीने के अन्दर संसद के दोनों सदनों में पारित करना आवश्यक है. अगर संसद अध्यादेश को पारित कर देती है, तो वह अधिनियम (Act) बन जाता है.