डेली कर्रेंट अफेयर्स
उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए भारत रैंकिंग-2020 जारी, IIT मद्रास पहले स्थान पर
मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने 12 जून को उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए भारत रैंकिंग-2020 जारी की. इसके समग्र रैंकिंग में IIT मद्रास पहले स्थान पर रहा है.
भारत रैंकिंग-2020: मुख्य बिंदु
- इंजीनियरिंग में IIT मद्रास, विश्व विद्यालय में इंडियन इंस्टीटूयूट ऑफ साइंस (IIS) बेंगलूरू, प्रबंधन (मेनेजमेंट) श्रेणी में इंडियन इंस्टीटूयूट ऑफ मेनेजमेंट (IIM) सर्वोच्च स्थान पर हैं.
- अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) मेडिकल श्रेणी में लगातार तीसरे साल सर्वोच्च श्रेणी में बना हुआ है.
कॉलेजों में मिरांडा कॉलेज लगातार तीसरी बार प्रथम स्थान पर है. - दंत चिकित्सा के क्षेत्र में मौलाना आजाद इंस्टीटूयूट ऑफ डेन्टल कॉलेज पहले स्थान पर हैं. दंत चिकित्सा संस्थानों को पहली बार भारत रैंकिंग-2020 में शामिल किया गया था.
FSSAI ने राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक 2019-20 जारी किया, गुजरात पहले स्थान पर
भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने हाल ही में ‘राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक, 2019-20’ जारी किया था. यह खाद्य सुरक्षा पर दूसरा सूचकांक था. FSSAI ने इसे 7 जून को विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस के अवसर पर ‘खाद्य सुरक्षा सभी का विषय है’ थीम के साथ जारी किया था.
गुजरात, तमिलनाडु और महाराष्ट्र शीर्ष पर
इस सूचकांक में बड़े राज्यों की सूची में गुजरात पहले, तमिलनाडु दूसरे और महाराष्ट्र तीसरे स्थान पर रहे हैं. छोटे राज्यों में गोवा पहले स्थान पर रहा. इसके बाद मणिपुर और मेघालय रहे. केंद्र शासित प्रदेशों में चंडीगढ़, दिल्ली और अंडमान द्वीप समूह ने शीर्ष स्थान हासिल किया.
राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक: एक दृष्टि
राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक (State Food Safety Index) को FSSAI द्वारा जारी किया जाता है. पहला सूचकांक 7 जून 2019 को पहले ‘विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस’ पर जारी किया गया था.
इस सूचकांक में खाद्य सुरक्षा के पांच मानकों- ‘मानव संसाधन और संस्थागत डेटा, अनुपालन, खाद्य परीक्षण सुविधा, प्रशिक्षण, क्षमता निर्माण तथा उपभोक्ता सशक्तिकरण’ के पैमानों पर राज्यों का क्रम तय किया जाता है.
भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) क्या है?
- भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (Food Safety and Standards Authority of India) खाद्य पदार्थों के लिए देश की नियामक संस्था है.
- यह खाद्य सुरक्षा और खाद्य मानकों के बारे में सामान्य जागरूकता को बढ़ावा देने का कार्य करता है. साथ ही खाद्य पदार्थों के उत्पादन, भंडारण, वितरण, बिक्री और आयात के संदर्भ में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करता है.
- FSSAI की स्थापना खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के तहत वर्ष 2008 में की गई थी. यह केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत आता है. इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है.
रेलवे ने हाईराइज डबल स्टैक कंटेनर सेवा को सफलतापूर्वक चलाकर कीर्तिमान बनाया
भारतीय रेलवे ने पश्चिमि रेलवे के ओवर हेड इक्विपमेंट (OHE Electrified) क्षेत्र में पहली बार डबल-स्टैक कंटेनर ट्रेन (Double Stack Container Train) को चलाया गया है. इस ट्रेन का गुजरात के पालनपुर और बोटाद स्टेशन के बीच 10 जून को सफलतापूर्वक संचालन किया गया.
डबल-स्टैक कंटेनर ट्रेन से रेलवे को माल ढुलाई में काफी फायदा मिलेगा और एक बार में दोगुने से भी ज्यादा सामान को एक स्थान से दूसरे स्थान पर सामानों को आसानी से भेजा जा सकेगा.
भारतीय रेलवे के हाईराइज डबल स्टैक कंटेनर ट्रेन को सफलतापूर्वक चलाकर एक नया विश्व कीर्तिमान स्थापित किया है. विश्व में यह अपनी तरह की पहली उपलब्धि है, जिससे ग्रीन इंडिया जैसे महत्वाकांक्षी अभियान को बढावा मिलेगा.
जाने-माने अर्थशास्त्री डॉ ए वैद्यनाथन का निधन
जाने-माने अर्थशास्त्री और पूर्ववर्ती योजना आयोग के सदस्य डॉ ए वैद्यनाथन का 11 जून को कोयंबटूर में निधन हो गया. वह 88 वर्ष के थे. योजना आयोग को अब नीति आयोग के नाम से जाना जाता है.
वैद्यनाथन ‘मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट स्टडीज’ और तिरुनंतपुरम स्थित ‘सेंटर फॉर डेवलपमेंट स्टडीज’ के प्रोफेसर थे. उन्होंने सहकारी साख संस्थाओं के पुनरुद्धार (2004) पर भारत सरकार के कार्यबल की अध्यक्षता की थी और वह कृषि आय के कराधान (1969-70) के संबंध में के एन राज समिति के सदस्य भी थे.
डॉ. वैद्यनाथन 1962 से 1972 तक पूर्ववर्ती योजना आयोग के परिप्रेक्ष्य योजना प्रभाग के सदस्य रहे. उन्होंने 1972 से 1976 तक विश्व बैंक में सेवाएं दीं. वह भारतीय रिजर्व बैंक के केंद्रीय बोर्ड के सदस्य भी रहे.
12 जून: विश्व बाल-श्रम निषेध दिवस
प्रत्येक वर्ष 12 जून को विश्व बालश्रम निषेध दिवस (World Day Against Child Labour) मनाया जाता है. बाल मज़दूरी (Child Labour) के खिलाफ जागरूकता फैलाने और 14 साल से कम उम्र के बच्चों को इस काम से निकालकर उन्हें शिक्षा दिलाने के उद्देश्य से यह दिवस मनाया जाता है.
इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन (ILO) ने विश्व बालश्रम निषेध दिवस की शुरुआत वर्ष 2002 में की थी. ILO के मुताबिक आज भी 152 मिलियन बच्चे मज़दूरी करते हैं. बाल मज़दूर हर क्षेत्र में मौजूद हैं, वहीं 10 में से 7 बच्चे खेतों में काम करते हैं.
विश्व बाल-श्रम निषेध दिवस 2020 की थीम
इस वर्ष यानी 2020 में ‘विश्व बाल-श्रम निषेध दिवस’ की थीम- ‘COVID-19 – Protect children from child labour now, more than ever’ है.
भारत में बाल श्रम से संबंधित संवैधानिक प्रावधान और कानूनी प्रयास
- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 45 के अनुसार देश में संविधान लागू होने के 10 साल के भीतर राज्य 14 वर्ष तक की उम्र के सभी बच्चों को मुफ़्त और अनिवार्य शिक्षा देने का प्रयास करेंगे.
- बाल श्रम भारतीय संविधान के समवर्ती सूची (Concurrent List) का विषय है. इस सूची के अन्तर्गत दिए गए विषय पर केंद्र एवं राज्य दोनों सरकारें कानून बना सकती हैं. परंतु कानून के विषय समान होने पर केंद्र सरकार द्वारा बनाया गया कानून ही मान्य होता है.
- बाल श्रम (निषेध व नियमन) कानून 1986 के तहत 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के जीवन और स्वास्थ्य के लिये अहितकर कार्य को निषिद्ध करता है. फैक्टरी कानून 1948, 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के नियोजन को निषिद्ध करता है.
देश-दुनिया: एक संक्षिप्त दृष्टि
सामयिक घटनाचक्र का डेलीडोज
GST परिषद की 40वीं बैठक
वस्तु और सेवा कर (GST) परिषद की 40वीं बैठक नई दिल्ली में आयोजित की गयी. इस बैठक में राजस्व में आई कमी और राज्यों को क्षतिपूर्ति जैसे मुद्दों पर विचार किया गया. वीडियो कांफ्रेंस के जरिये इस बैठक की अध्यक्षता वित्त्मंत्री निर्मला सीतारमण ने किया.
भारतीय वाणिज्य संघ का 95वां वार्षिक सत्र
भारतीय वाणिज्य संघ का 95वां वार्षिक सत्र 11 जून को कोलकाता में आयोजित किया गया. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस सत्र को वीडियो कांफ्रेंस के जरिए संबोधित किया. आत्मनिर्भर भारत का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि देश इन चुनौतियों को अवसर में बदलने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भरता पिछले छह वर्षों के दौरान सरकार की नीतियों के केन्द्र में रही है.