डेली कर्रेंट अफेयर्स
भारत-ऑस्ट्रेलिया वर्चुअल शिखर सम्मेलन, दोनों देशों के बीच सात समझौते
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहला वर्चुअल शिखर सम्मेलन 4 जून को आयोजित किया गया. इस सम्मेलन में भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने द्विपक्षीय वार्ता में हिस्सा लिया. वार्ता में दोनों देशों के बीच संबंधों पर विस्तार से उत्कृष्ट चर्चा हुई.
सम्मेलन के मुख्य बिंदु
- सम्मेलन के बाद दोनों देशों ने व्यापक रणनीतिक साझेदारी की घोषणा की और हिन्द-प्रशान्त क्षेत्र में समुद्री सहयोग पर एक साझा दृष्टिपत्र जारी किया. दोनों देशों के बीच, व्यापक कार्यनीतिक भागीदारी पर संयुक्त वक्तव्य में कहा गया है कि यह आपसी समझ, भरोसा, साझा हित और लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित होगी.
- आतंकवाद को क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए बड़ा खतरा बताते हुए दोनों देशों ने हर प्रकार के आतंकवाद की निंदा की है और इस बात पर बल दिया है कि आतंकी गतिविधियों को किसी भी हाल में उचित नहीं ठहराया जा सकता.
- ऑस्ट्रेलिया ने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (NSG) की सदस्यता के लिए भारत का पुरजोर समर्थन करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहरायी. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत की स्थाई सदस्यता की दावेदारी का समर्थन किया.
दोनों देशों के बीच सहमति और समझौते
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉर्ट मॉरिसन के बीच बातचीत के बाद सात समझौतों पर हस्ताक्षर हुए. इनमें साइबर और साइबर-सक्षम क्रिटिकल टेक्नोलॉजी सहयोग पर समझौता और खनन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण सहयोग शामिल हैं.
- दोनों देशों ने रक्षा विज्ञान और प्रौद्योगिकी, लोक-प्रशासन और प्रशासनिक सुधारों, व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण तथा जल संसाधन प्रबंधन सहयोग के बारे में भी समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए.
- भारत और ऑस्ट्रेलिया ने विज्ञान, प्रौद्योगिकी और अनुसंधान क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने का भी संकल्प व्यक्त किया है और डिजिटल अर्थव्यवस्था, साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में मिलकर काम करने का फैसला किया है. समुद्री क्षेत्र में भी सहयोग बढ़ाने पर भी दोनों देशों में सहमति बनी.
- दोनों देश साझा सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के नये उपायों के लिए रक्षा सहयोग और संयुक्त सैन्य अभ्यास बढ़ाने पर सहमत हुए.
कृष्णेंदु मजुमदार BAFTA के नए अध्यक्ष, 73 साल के बाद भारतीय अध्यक्ष चुना गया है
टीवी प्रड्यूसर कृष्णेंदु मजुमदार को BAFTA (The British Academy of Film and Television Arts) का नया अध्यक्ष चुना गया है. कृष्णेंदु मजुमदार अगले 3 सालों तक इस पद की जिम्मेदारियां संभालेंगे. कृष्णेंदु इससे पहले एक साल तक BAFTA के उपाध्यक्ष के पद पर भी रह चुके हैं. उन्हें BAFTA के डिजिटल ऐनुअल जेनरल मीटिंग में अध्यक्ष चुना गया.
कृष्णेंदु मजुमदार पिछले 35 सालों के इतिहास में BAFTA के सबसे कम उम्र के अध्यक्ष और पिछले करीब 73 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि कोई भारतीय BAFTA का चेयरपर्सन बना हो.
देश-दुनिया: एक संक्षिप्त दृष्टि
सामयिक घटनाचक्र का डेलीडोज
फिल्म निर्माता और निदेशक बासु चटर्जी का निधन
जाने-माने फिल्म निर्माता और निदेशक बासु चटर्जी का 4 जून को निधन हो गया. वे 93 वर्ष के थे. छोटी सी बात, रजनीगंधा, चितचोर, पिया का घर, शौकीन, खट्टा-मीठा और बातों-बातों में उनकी कुछ मुख्य फ़िल्में हैं. उन्होंने ब्योमकेश बख्शी और रजनी टीवी धारावाहिकों का भी निर्देशन किया था. 1992 में उनकी फिल्म दुर्गा के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ फिल्म का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला था.
भारत सरकार ने SWADES पहल शुरू किया
वंदे भारत मिशन के तहत विदेशों से भारत लौट रहे लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए भारत सरकार ने SWADES (स्किल्ड वर्कर्स अराइवल डेटाबेस फॉर इंप्लॉयमेंट सपोर्ट) इनीशिएटिव लॉन्च किया है. SWADES कौशल विकास व उद्यमिता मंत्रालय (MSDE), नागरिक उड्डयन मंत्रालय और विदेश मंत्रालय की संयुक्त पहल है. इसका मकसद क्वालिफाइड नागरिकों का उनके स्किल्स व अनुभव के आधार पर डेटाबेस तैयार करना है. इससे भारतीय और विदेशी कंपनियों की मांग की पूर्ति भी हो सकेगी.
हाइड्रॉक्सीक्लोक्वीन पर परीक्षण जारी रहेगा
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक टेड्रॉस अधनोम घेब्रेयेसस ने कहा है कि वह कोरोना वायरस के उपचार के लिए हाइड्रॉक्सीक्लोक्वीन (HCQ) के संभावित उपयोग का अध्ययन फिर शुरू करेगा. इससे पहले इस दवा पर अनुसंधान कर रहे चिकित्सकों ने कुछ समय के लिए नए रोगियों को यह दवा देना बंद कर दिया था.
कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट का नाम श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट ट्रस्ट किया गया
प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में 3 जून को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट’ का नाम बदलकर ‘श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट ट्रस्ट’ करने की मंजूरी दी.
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में यातायात के बारे में एक समान नीति
उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली, उत्तरप्रदेश और हरियाणा सरकारों को निर्देश दिया है कि वे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में यातायात के बारे में एक समान नीति अपनाएं. न्यायालय इस क्षेत्र में लोगों को आवाजाही में आ रही समस्याओं के बारे में एक याचिका पर सुनवाई कर रहा है.