किसानों के लिए आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन सहित कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गये

सरकार ने किसानों के लिए आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन सहित कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए. ये निर्णय 3 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गये. इन फैसलों से न केवल किसानों को बड़ा फायदा होगा बल्कि कृषि क्षेत्र की सूरत में भी आमूल-चूल तौर बदलाव होगा.

आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन

सरकार ने किसानों की आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 में संशोधन का फैसला किया है. यह कृषि क्षेत्र में बदलाव और किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में एक दूरदर्शी कदम है.

मंत्रिमंडल ने कृषि उपज के बाधा मुक्त व्यापार को सुनिश्चित करने के लिए कृषि उत्पाद व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सहायता) अध्यादेश, 2020 को मंजूरी दी. इस अध्‍यादेश से ऐसा माहौल बनाने में मदद मिलेगी जिसमें किसान और व्‍यापारी अपनी पसंद की कृषि उपज खरीद और बेच सकेंगे.

साथ ही मूल्‍य आश्‍वासन और कृषि सेवाओं से संबंधित किसान सशक्‍तीकरण और संरक्षण अध्‍यादेश-2020 को स्वीकृति दी गयी है. यह अध्‍यादेश किसानों को कृषि उपज का प्रसंस्‍करण करने वालों, एग्रीगेटरों, थोक विक्रेताओं, बडे पैमाने पर खुदरा व्‍यापार करने वालों और निर्यातकों के साथ बिना किसी शोषण की आशंका के बराबरी के साथ व्‍यावसायिक संबंध बनाने में सक्षम बनाएगा.

आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन से लाभ

  • सरकार के इन फैसलों से आवश्यक वस्तु की सूची से अनाज, दलहन, तिलहन, प्‍याज और आलू जैसी तमाम वस्तुएं और कृषि उत्पादों को बाहर किया गया है.
  • इससे किसान ‘एग्रीकल्चर प्रोड्यूसर मार्केट कमेटी’ के बंधन से मुक्त हो जाएगा. किसान को न केवल अपनी फसल की अच्छी कीमत मिलेगी बल्कि वो उत्पादों का अपने मुताबिक भंडारण कर सकेंगे.
  • किसान अपनी मर्जी से कृषि उत्पादों को अब देश के किसी भी बाज़ार में बेच सकेगा. साथ ही उसे सीधे निर्यातकों को बेचने की भी अनुमति मिल गयी है.

इससे वन नेशन वन मार्केट की सरकार की नीति को भी बढावा मिलेगा. किसान प्रत्यक्ष रूप से विपणन से जुड़ सकेंगे, जिससे बिचौलियों की भूमिका खत्म होगी और उन्हें अपनी फसल का बेहतर मूल्य मिलेगा.

कृषि क्षेत्र में निजी और प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश बढ़ेगा

इन फैसलों से कृषि क्षेत्र में निजी और प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश भी बढ़ेगा. इससे कोल्‍ड स्‍टोरेज में निवेश बढ़ाने और खाद्य आपूर्ति श्रृंखला यानी सप्‍लाई चेन के आधुनिकीकरण में मदद मिलेगी.

उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा

सरकार ने नियमों मे बदलाव करके उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा भी सुनिश्चित की है. अब अकाल या युद्ध और प्राकृतिक आपदा जैसी परिस्थितियों में इन कृषि‍ उपजों की कीमतों को नियंत्रित किया जा सकता है.

आवश्यक वस्‍तु अधिनियम, 1955: एक दृष्टि

आवश्यक वस्‍तु अधिनियम, 1955 (Essential Commodities Act of 1955) को उपभोक्‍ताओं को अनिवार्य वस्‍तुओं की सहजता से उपलब्‍धता सुनिश्चित कराने तथा व्‍यापारियों के शोषण से उनकी रक्षा के लिए बनाया गया था.

इस अधिनियम में अनिवार्य वस्‍तुओं के उत्‍पादन वितरण और मूल्‍य निर्धारण नियंत्रित करने की व्‍यवस्‍था की गई है. इस अधिनियम के तहत अधिकांश शक्तियां राज्‍य सरकारों को दी गई हैं.