अंतरिक्ष, बैंकिंग और पशुपालन क्षेत्रों में सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गये

सरकार ने अंतरिक्ष, बैंकिंग और पशुपालन क्षेत्रों में सुधार के लिए हाल ही में कई निर्णय लिए हैं. प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में 24 जून को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में ये निर्णय लिए गये. इसकी जानकारी परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष मंत्री जितेंद्र सिंह ने दी.

अंतरिक्ष से जुड़ी गतिविधियों में निजी क्षेत्र की भागीदारी को मंजूरी

सरकार ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में एतिहासिक सुधारों को लागू करते हुए अंतरिक्ष से जुड़ी गतिविधियों में निजी क्षेत्र की भागीदारी को मंजूरी दी है. यह फैसला देश को आत्मनिर्भर और तकनीकी रूप से उन्नत बनाने के लिए किया गया है.

सरकार अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के प्रभावी सामाजिक-आर्थिक उपयोग के लिए ‘भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकार केंद्र’ (IN-SPACe) का गठन करेगी. IN-SPACe, Indian National Space Promotion and Authorization Centre का संक्षिप्त रूप है.

सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) अंतरिक्ष क्षेत्र की गतिविधियों को नया रूप देकर इसे आपूर्ति आधारित मॉडल से मांग आधारित मॉडल में बदलेगा.

पशुपालन बुनियादी ढांचा विकास कोष की शुरुआत

एक और महत्त्वपूर्ण निर्णय में सरकार ने 15 हजार करोड़ रुपये के ‘पशुपालन बुनियादी ढांचा विकास कोष’ (Animal Husbandry Infrastructure Development Fund) की शुरुआत की. इस कोष के तहत देश में पशुपालन, डेयरी और पशुधन संबंधी उद्यमों का विकास किया जायेगा. इसका उद्देश्य देश में करीब 35 लाख युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराना है.

पशुपालन बुनियादी ढांचा विकास कोष के तहत बैंक संबंधित क्षेत्रों में उद्यम शुरू करने के लिए 90 प्रतिशत तक ऋण देंगे. सरकार ने इस योजना के तहत सभी ऋण के लिए ब्याज में तीन प्रतिशत की छूट देने की घोषणा की है.

सहकारी बैंकों को RBI की निगरानी में लाने के लिए अध्यादेश

सरकार ने सभी सहकारी बैंकों को भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की निगरानी में लाने के लिए एक अध्यादेश लाने का निर्णय किया. अध्यादेश को राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद देश के 1,482 शहरी सहकारी बैंक और 58 बहु-राज्य सहकारी बैंक RBI की निगरानी (सुपरवाइजरी पॉवर्स) के अंतर्गत आ जाएंगे.

यह अध्यादेश इन बैंकों में जमाकर्ताओं की राशि को सुरक्षित रखने का आश्वासन देने के लिए किया गया है. अब RBI की शक्तियां जैसे कि अनुसूचित बैंकों पर लागू होती हैं, वैसे ही अब सहकारी बैंकों के लिए भी लागू होंगी.