रूस, भारत और चीन के विदेश मंत्रियों की बैठक, राष्ट्र सुरक्षा परिषद सीट के लिए भारत का समर्थन

रूस, भारत और चीन (RIC) के विदेश मंत्रियों की बैठक 23 जून को वीडियो कॉन्फ्रेंस के (वर्चुअल) माध्यम आयोजित की गयी. इस त्रिपक्षीय बैठक की मेजबानी रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोफ द्वारा की गयी.

इस बैठक के दौरान संयुक्त राष्ट्र के संभावित सुधारों पर चर्चा हुई. बैठक में रुसी विदेश मंत्री ने संयुक्तराष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट के लिए भारत के दावे का समर्थन किया.

बैठक में विदेश मंत्री डॉक्‍टर एस. जयशंकर ने कहा कि अंतर्राष्‍ट्रीय कानून का सम्‍मान, सहयोगी देशों के वैध हितों का ध्‍यान, बहुपक्षवाद को समर्थन और साझा हितों को बढावा देना ही टिकाऊ विश्‍व व्‍यवस्‍था कायम करने का एकमात्र तरीका है.

डॉ. जयशंकर ने कहा कि संयुक्‍त राष्‍ट्र 50 सदस्‍यों के साथ शुरू हुआ था और आज 193 देश इसके सदस्‍य हैं. इसलिए संयुक्‍त राष्‍ट्र के निर्णय लेने की प्रक्रिया को पहले की तरह जारी नहीं रखा जा सकता.

भारतीय विदेश मंत्री ने तत्‍कालीन राजनीति परिस्थितियों में भारत को उचित सम्‍मान नहीं जाने की बात कही. उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक अन्‍याय पिछले 75 वर्ष में भी ठीक नहीं किया गया, जबकि दुनिया पूरी तरह बदल चुकी है. इसलिए विश्‍व के लिए यह महत्‍वपूर्ण है कि भारत के योगदान का सम्‍मान किया जाए और अतीत की भूल सुधारी जाए.

द्वारकानाथ कोटनिस के योगदान को याद किया गया

विदेश मंत्री जयशंकर ने चीन को भारतीय चिकित्सक द्वारकानाथ कोटनिस के योगदान के बारे में याद दिलाया. 1938 में जापान-चीन युद्ध के समय द्वारकानाथ कोटनिस के नेतृत्व में भारतीय मेडिकल मिशन ने बिना किसी नींद के 72 घंटे तक ऑपरेशन किया था. इस मिशन द्वारा 800 से अधिक घायल चीनी सैनिकों का इलाज किया गया था.