भारतीय मूल के चंद्रिका प्रसाद को सूरीनाम का राष्ट्रपति चुना गया

भारतीय मूल के चंद्रिका प्रसाद संतोखी को सूरीनाम का राष्ट्रपति चुना गया है. सूरीनाम की संसद ‘नेशनल एसेंबली’ ने संतोखी को राष्ट्रपति के रूप में सर्वसम्मति से चुना है.

चुनाव में डेसी बॉउटर्स को हराया

चंद्रिका प्रसाद ने पूर्व सैन्य तानाशाह डेसी बॉउटर्स की जगह ली है. उनकी प्रोग्रेसिव रिफॉर्म पार्टी (PRC) ने बॉउटर्स की नेशनल पार्टी ऑफ सूरीनाम (NPS) को मई में संपन्न हुए चुनाव में हराया था.
बॉउटर्स ने वर्ष 1980 में निर्वाचित सरकार का तख्तापलट दिया था. उन्हें 15 विरोधियों की हत्या के मामले में 20 साल कैद की सजा हुई थी, जिसके खिलाफ उन्होंने अपील की है.

सूरीनाम आर्थिक संकट के दौर में

संतोखी ने ऐसे समय में सूरीनाम के नेतृत्व की बागडोर संभाली है जब उसके रिश्ते नीदरलैंड समेत दूसरे पश्चिमी देशों से खराब हो चुके हैं. देश इस समय आर्थिक संकट के दौर से भी गुजर रहा है.

डेसी बॉउटर्स के शासनकाल में तख्तापलट समेत अन्य कारणों से सूरीनाम के संबंध नीदरलैंड और अन्य पश्चिमी देशों के साथ अच्छे नहीं रहे हैं.

चंद्रिका प्रसाद संतोखी: एक दृष्टि

61 वर्षीय चंद्रिका प्रसाद संतोखी सूरीनाम के पूर्व-न्यायमंत्री व प्रोग्रेसिव रिफॉर्म पार्टी (PRC) के नेता हैं. वे नीदरलैंड के पुलिस अकादमी से प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं और सूरीनाम के मुख्य पुलिस आयुक्त रह चुके हैं. वर्ष 2005 के दौरान वह देश के न्याय मंत्री भी रह चुके हैं.

सूरीनाम: एक दृष्टि

सूरीनाम पहले नीदरलैंड (पूर्व डच) का ही उपनिवेश रहा है. इसकी कुल आबादी 5,87,000 है, जिसमें 27.4 फीसद लोग भारतवंशी हैं. प्रोग्रेसिव रिफॉर्म पार्टी (PRC) मूल रूप से भारतीय समुदाय का प्रतिनिधित्व करती है. PRC को सूरीनाम में यूनाइटेड हिंदुस्तानी पार्टी कहा जाता था.

सूरीनाम मूल रूप से बॉक्साइट के निर्यात पर निर्भर रहा है, लेकिन हाल ही में उसके जलीय क्षेत्रीय में विशाल तेल भंडार पाए गए हैं. ये तेल भंडार देश को आर्थिक मुश्किलों से निकालने में मददगार साबित हो सकते हैं.