भारत में 20 जुलाई से ‘उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम-2019’ लागू किया गया

भारत में 20 जुलाई से ‘उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम-2019’ (Consumer Protection Act-2019) को लागू कर दिया गया. नए कानून ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 की जगह ली है. यह कानून ग्राहकों के साथ होने वाले धोखाधड़ी को रोकने के उद्देश्य से लाया गया है.

इस नए कानून के लागू होते ही ग्राहकों के हितों की रक्षा के लिए कई नए नियम लागू हो गए हैं. ये नियम पुराने कानून में नहीं थे. इस नए कानून के तहत बड़े नुकसान पर ग्राहक को पांच लाख रुपये मुआवजा देना होगा और सात साल की जेल होगी. उपभोक्ता की मौत हो जाए तो मुआवजा दस लाख और सात साल या आजीवन जेल भी संभव है. नए कानून के दायरे में ई-कॉमर्स कंपनियां भी आएंगी.

भ्रामक विज्ञापन करने पर सेलिब्रिटी पर भी 10 लाख रुपये तक का जुर्माना तय किया गया है. सेलिब्रिटी का दायित्व होगा कि वो विज्ञापन दी गई पूरी जानकारी की जाच पड़ताल कर ले. मिलावटी सामान और खराब प्रोडक्ट पर कंपनियों पर जुर्माना और मुआवजा देना शामिल किया गया है. झूठी शिकायत करने पर अब 50 हजार रुपए जुर्माना लगेगा.

उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम-2019 द्वारा दिए गये 6 अधिकार

  1. सुरक्षा का अधिकार: इसके तहत ग्राहक को किसी माल (गुड्स) या सेवा (सर्विस) की मार्केटिंग से जीवन या प्रॉपर्टी के नुकसान से बचाया जाता है.
  2. सूचना का अधिकार: ग्राहक को पूरा अधिकार है कि उसे प्रोडक्ट की क्वालिटी, उसकी मात्रा, शुद्धता, कीमत आदि के बारे में सही जानकारी दी जाए.
  3. छांटने का अधिकार: इसके तहत ग्राहक को माल और सेवा के कई प्रकार उपलब्ध कराई जाती हैं, ताकि वह अपने अनुकूल माल या सेवा को छांट सके.
  4. सुने जाने का अधिकार: ग्राहक को सुने जाने का पूरा अधिकार है. उसे किसी तरह की दिक्कत होने पर फोरम में उसकी शिकायत को सुना जाएगा.
  5. शिकायत का अधिकार: किसी भी गलत प्रैक्टिस के खिलाफ शिकायत करने का भी ग्राहक को अधिकार है, ताकि उसका शोषण ना हो.
  6. जानने का अधिकार: एक ग्राहक अपनी पूरी जिंदगी एक पूरी जानकारी रखने वाला ग्राहक रहेगा, जिससे वह शोषण से बचा रहेगा.