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नई शिक्षा नीति को मंजूरी, मानव संसाधन मंत्रालय अब शिक्षा मंत्रालय के नाम से जाना जाएगा
सरकार ने देश में नई शिक्षा नीति (New Education Policy) 2020 को मंजूरी दे दी है. यह मंजूरी 29 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में दी गयी. बैठक में लिए गये निर्णय की जानकारी मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने जानकारी दी.
नई शिक्षा नीति 2020 का लक्ष्य 2030 तक सौ प्रतिशत युवा और प्रौढ़ साक्षरता प्राप्ति करना है. इसका उद्देश्य 2030 तक स्कूली शिक्षा में सौ प्रतिशत सकल नामांकन अनुपात के साथ पूर्व विद्यालय स्तर से माध्यमिक स्तर तक की शिक्षा का सार्वभौमिकरण करना है.
मानव संसाधन मंत्रालय का नया नाम शिक्षा मंत्रालय
बैठक में लिए गये निर्णय के तहत अब मानव संसाधन मंत्रालय (HRD) को शिक्षा मंत्रालय के (Education Ministry) नाम से जाना जाएगा. शुरुआत में इस मंत्रालय का नाम शिक्षा मंत्रालय ही था लेकिन 1985 में इसे बदलकर मानव संसाधन मंत्रालय नाम दिया गया था. नई शिक्षा नीति के मसौदे में इसे फिर से ‘शिक्षा मंत्रालय’ नाम देने का सुझाव दिया गया था.
कस्तूरीरंग की अध्यक्षता में समिति का गठन
सरकार ने नई शिक्षा नीति के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के पूर्व अध्यक्ष के. कस्तूरीरंगन की अगुआई में एक समिति का गठन किया था. इस समिति ने पिछले साल मानव संसाधन मंत्रालय में नई शिक्षा नीति के मसौदे को प्रस्तुत किया था. बाद में उस मसौदे को लोगों के सुझावों के लिए रखा गया. मंत्रालय को इसके लिए करीब सवा 2 लाख सुझाव आए थे. उच्च शिक्षा और स्कूली शिक्षा के लिए अलग-अलग टीमें बनाई गई थी.
नई शिक्षा नीति 2020: मुख्य बिंदु
- वर्ष 2035 तक उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सकल नामांकन दर को 50 प्रतिशत के लक्ष्य तक पहुंचाना.
- बुनियादी सुविधाओं से वंचितक्षेत्रों और समूहों के लिए बालक-बालिका समावेशी कोष और विशेष शिक्षा क्षेत्र स्थापित किया जाएगा.
- NCERT आठ वर्ष की आयु तक के बच्चों के लिए प्रारंभिक बचपन देखभाल और शिक्षा के लिए एक राष्ट्रीय पाठ्यक्रम और शैक्षणिक ढांचा विकसित करेगा.
- एक मानक निर्धारक निकाय के रूप में नया राष्ट्रीय आकलन केन्द्र ‘परख’ स्थापित की जाएगी.
- अध्यापक शिक्षण के लिए एक नया और व्यापक राष्ट्रीय पाठ्यक्रम ढांचा NCFTE 2021 तैयार किया जाएगा.
- पांचवी तक पढ़ाई के लिए होम लैंग्वेज, मातृ भाषा या स्थानीय भाषा माध्यम होगा.
- छठी कक्षा के बाद से ही वोकेशनल एजुकेशन की शुरुआत होगी.
- बोर्ड एग्जाम रटने पर नहीं बल्कि ज्ञान के इस्तेमाल पर अधारित होंगे.
- नई शिक्षा नीति में एमफिल कोर्सेज को खत्म किया जायेगा.
- लीगल और मेडिकल कॉलेजों को छोड़कर सभी उच्च शिक्षण संस्थानों का संचालन सिंगल रेग्युलेटर के जरिए होगा.
- विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा होंगे.
- सभी सरकारी और निजी उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए एक तरह के मानदंड होंगे.
- देश की वर्तमान शिक्षा नीति को 1986 में तैयार किया गया था. 1992 में उसमें सुधार किया गया था.
पांच रफाल लडाकू विमानों के पहले खेप की आपूर्ति की गयी
फ्रांस ने पांच रफाल लडाकू विमानों के पहले खेप की आपूर्ति कर दी है. इस विमान की पहली खेप 29 जुलाई को अम्बाला पहुंची. रफाल के इस खेप में तीन सिंगल सीटर और दो, दो-सीटर विमान शामिल हैं. इन विमानों को हरियाणा के अंबाला में वायुसेना की 17वीं बटालियन में आधिकारिक रूप से शामिल किया जाएगा.
रफाल लडाकू विमानों को 27 जुलाई को दक्षिणी फ्रांस के बॉर्डे स्थित मेरीनियाख हवाईअड्डे से रवाना किया गया था. फ्रांस से लगभग सात हजार किलोमीटर की उड़ान के दौरान ये विमान संयुक्त अरब अमारात (UAE) में फ्रांस संचालित अल दफरा हवाई अड्डे पर रुका था. यहाँ पहुंचने से पहले इन विमानों ने मध्य सागर के ऊपर आसमान में ही ईधन भरकर भारत की तरफ अपनी यात्रा का पहला चरण पूरा किया था. अपने दूसरे चरण में राफेल अल दफरा हवाई अड्डे से उड़ान भर के भारत पहुंचा.
भारत ने फ्रांस से 36 विमानों की खरीद की है
रफाल लडाकू विमानों को फ्रांस की कंपनी दस्सों ने विकसित किया है. इस विमान की खरीद के लिए 2016 में भारत और फ्रांस के बीच समझौता हुआ था. इस सौदे के तहत भारत ने फ्रांस से 59 हजार करोड रुपये में 36 विमानों की खरीद की थी. 36 विमानों में से 10 विमानों की आपूर्ति तय समय के भीतर पूरी कर ली गई है. इनमें से पांच विमान प्रशिक्षण मिशन पर फ्रांस में ही रहेंगे. 2021 के अंत तक सभी 36 विमान भारत को सौंप दिये जायेंगे.
रफाल लडाकू विमान: मुख्य बिंदु
- राफेल किटेर और स्केल्प क्रूज मिशाइल समेत अन्य घातक हथियारों से लैस होकर युद्ध भूमि में दुश्मन को स्तब्ध करने वाली क्षमता वाला लड़ाकू विमान है.
- ये लड़ाकू विमान कुछ विशेष संसाधनों के साथ देश में लाया गया है. जिनमें इस्राइली हेल्मेट युक्त डिस्पले, अत्याधुनिक रडार और कम बेंड के जैमर प्रणाली शामिल हैं. राफेल कई खुबियों वाले रडार वॉर्निंग रिसीवर, इन्फ्रारेड सर्च और ट्रैकिंग सिस्टम जैसी क्षमताओं से भी लैस है.
- राफेल विमान 9,500 किलोग्राम वजन के साथ इससे जुड़ी तोप एक मिनट में 2,500 राउंड फायर कर सकती है. यह एक ही उड़ान के दौरान आसमान से जमीन और हवा से हवा में मार कर सकता है और दुश्मन के विमानों का भी मुकाबला कर सकता है. यह परमाणु हथियार और लेजर गाइडेड बम ले जा सकता है.
बुकर पुरस्कार 2020: भारतीय लेखिका अवनि दोशी संक्षिप्त सूची में शामिल
दुबई में रहने वाली भारतवंशी लेखिका अवनि दोशी सहित 13 लेखकों को 2020 के बुकर पुरस्कार के लिए संक्षिप्त सूची में शामिल किया गया है. इस सूची में दो बार बुकर पुरस्कार जीत चुकीं हिलेरी मेंटल का भी नाम है. चयन मंडल ने लेखकों की संक्षिप्त सूची तैयार करने के लिए ब्रिटेन और आयरलैंड में अक्टूबर 2019 से प्रकाशित 162 उपन्यासों का आकलन किया था. इस पुरस्कार की घोषणा नवंबर 2020 में की जाएगी.
अमेरिका में जन्मीं और अब दुबई में रह रहीं अवनि दोशी का उपन्यास ‘बर्न्ट शुगर’ को इस सूची में शामिल किया गया है. दोशी ने अपने पहले उपन्यास बर्न्ट शुगर में मां-बेटी के असामान्य और जटिल रिश्ते को ईमानदारी और वास्तविकता के साथ अभिव्यक्त किया है. हिलेरी मेंटल को ‘द मिरर एंड द लाइट’ के लिए इस सूची में जगह मिली है.
29 जुलाई: अन्तर्राष्ट्रीय बाघ दिवस, भारतीय बाघ आकलन रिपोर्ट-2018 जारी
प्रत्येक वर्ष 29 जुलाई को अन्तर्राष्ट्रीय बाघ दिवस (International Tiger Day) मनाया जाता है. यह दिवस बाघ और उनके प्राकृतिक परिवास के सरंक्षण के बारे में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से मनाया जाता है.
2010 में रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में एक सम्मेलन में प्रत्येक वर्ष बाघ दिवस मनाने का फैसला लिया गया था. इस सम्मेलन में बाघों को लुप्तप्राय प्रजाति करार दिया था. उस समय 2022 तक बाघ की आबादी को दोगुना करने का भी लक्ष्य रखा गया था. यह भी तय किया गया था कि प्रतिवर्ष 29 जुलाई को विश्व व्याघ्र दिवस के रूप में मनाया जाएगा.
भारत में बाघों की स्थिति: मुख्य तथ्य
- भारत सरकार ने देश में बाघों को विलुप्त होने से बचाने के लिए 1973 में प्रॉजेक्ट टाइगर शुरू किया था.
- 1973-74 में देश में केवल 9 बाघ अभयारण्य थे और अब इनकी संख्या बढकर 50 हो गई है. दुनिया में बाघों की कुल संख्या के मामले में भारत पहले स्थान पर है.
- पर्यवारण मंत्रालय ने 2005 में नैशनल टाइगर कन्जर्वेशन अथॉरिटी (NTCA) का गठन किया था. प्रॉजेक्ट टाइगर के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी NTCA सौंपी गई.
- दुनिया में बाघों की कुल संख्या में से करीब 70 प्रतिशत भारत में हैं. भारत में बाघों की जनसंख्या का 80 प्रतिशत रॉयल बंगाल टाइगर है.
- बाघ भारत और बांग्लादेश दोनों का राष्ट्रीय पशु है.
बाघों की अनुमानित संख्या पर अखिल भारतीय बाघ आकलन रिपोर्ट-2018 जारी
केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने विश्व बाघ दिवस की पूर्व संध्या पर देश में बाघों की अनुमानित संख्या पर अखिल भारतीय बाघ आकलन रिपोर्ट-2018 जारी की.
- इस रिपोर्ट के अनुसार देश में बाघों की संख्या 2967 है. देश में चार वर्षों में इनकी संख्या 741 बढी है. मध्य प्रदेश में देश में बाघों की सबसे अधिक संख्या 526 है. 524 और 442 बाघों के साथ कर्नाटक और उत्तराखंड क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर है.
- उत्तराखंड के कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में देश में सबसे अधिक 231 बाघ हैं, इसके बाद कर्नाटक में नागरहोल और बांदीपोरा रिजर्व में क्रमशः 127 और 126 बाघ हैं.
- बाघों के अलावा भारत के जंगलों में 30 हजार हाथी, तीन हजार एक सींग वाले गैंडे और पांच सौ से अधिक शेर भी पाए जाते हैं. उन्होंने कहा कि संसाधनों की कमी के बावजूद देश में दुनिया की करीब आठ प्रतिशत जैव विविधता संरक्षित है.
प्रसिद्ध अभिनेत्री कुमकुम का मुम्बई में निधन
प्रसिद्ध अभिनेत्री कुमकुम का 28 जुलाई को मुम्बई में निधन हो गया. वे 86 वर्ष की थीं. उन्होंने 100 से अधिक फिल्मों में काम किया था.
कुमकुम का असली नाम ज़ैबुन्निसा था. उनकी यादगार फ़िल्मों में मिस्टर एक्स इन बॉम्बे, मदर इंडिया, कोहिनूर, आंखें, ललकार, नया दौर, उजाला, आर-पार, और सीआईडी हैं. उन्होंने 1963 में पहली भोजपुरी फिल्म गंगा मैया, तोहे पियरी चढ़इबो में अभिनय किया था.
कभी आर कभी पार, मेरे महबूब क़यामत होगी, मधुबन में राधिका नाचे रे और ये है मुम्बई मेरी जान जैसे लोकप्रिय गीत उन पर फिल्माए गए थे.
देश-दुनिया: एक संक्षिप्त दृष्टि
सामयिक घटनाचक्र का डेलीडोज
भविष्य की आर्थिक रूपरेखा और कार्य योजना पर विचार-विमर्श
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 जुलाई को बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ भविष्य की आर्थिक रूपरेखा और कार्य योजना पर विचार-विमर्श किया. प्रौद्योगिकी के जरिए वित्तीय सशक्तीकरण, ऋण सहयोग और प्रभावी वितरण तथा वित्तीय क्षेत्र की मजबूती के उपायों पर मुख्य रूप से विचार-विमर्श किया गया. बैंकिंग क्षेत्र, कृषि, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों सहित स्थानीय निर्माण इकाइयों को वित्तीय सुविधा और सहयोग देकर देश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
भारत को तीस लाख डॉलर अनुदान की मंजूरी
एशियाई विकास बैंक (ADB) ने अपने एशिया-प्रशान्त आपदा मोचन कोष से भारत को तीस लाख अमरीकी डॉलर के अनुदान की मंजूरी दी है. इससे देश में कोविड महामारी से निपटने के तात्कालिक उपायों में मदद मिलेगी. इस वर्ष 28 अप्रैल को बैंक ने भारत को कोविड महामारी का मुकाबला करने के लिए 15 अरब अमरीकी डॉलर की मदद की घोषणा की थी.
दिल्ली के वायुमंडल में NO2 के स्तर में 70% की गिरावट
संयुक्त राष्ट्र की हाल ही में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार नई दिल्ली में लॉकडाउन के दौरान वायुमंडल में नाइट्रोजन डाई-ऑक्साइड (NO2) के स्तर में 70 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है. NO2 हवा की गुणवत्ता को कम करता है. यह अमोनिया के साथ मिल कर ओजोन परत को नुकसान पहुंचाता है. यह कैंसर और अन्य सांस की बीमारियों को भी बढ़ाता है.