पांच रफाल लडाकू विमानों के पहले खेप की आपूर्ति की गयी

फ्रांस ने पांच रफाल लडाकू विमानों के पहले खेप की आपूर्ति कर दी है. इस विमान की पहली खेप 29 जुलाई को अम्‍बाला पहुंची. रफाल के इस खेप में तीन सिंगल सीटर और दो, दो-सीटर विमान शामिल हैं. इन विमानों को हरियाणा के अंबाला में वायुसेना की 17वीं बटालियन में आधिकारिक रूप से शामिल किया जाएगा.

रफाल लडाकू विमानों को 27 जुलाई को दक्षिणी फ्रांस के बॉर्डे स्थित मेरीनियाख हवाईअड्डे से रवाना किया गया था. फ्रांस से लगभग सात हजार किलोमीटर की उड़ान के दौरान ये विमान संयुक्‍त अरब अमारात (UAE) में फ्रांस संचालित अल दफरा हवाई अड्डे पर रुका था. यहाँ पहुंचने से पहले इन विमानों ने मध्य सागर के ऊपर आसमान में ही ईधन भरकर भारत की तरफ अपनी यात्रा का पहला चरण पूरा किया था. अपने दूसरे चरण में राफेल अल दफरा हवाई अड्डे से उड़ान भर के भारत पहुंचा.

भारत ने फ्रांस से 36 विमानों की खरीद की है

रफाल लडाकू विमानों को फ्रांस की कंपनी दस्‍सों ने विकसित किया है. इस विमान की खरीद के लिए 2016 में भारत और फ्रांस के बीच समझौता हुआ था. इस सौदे के तहत भारत ने फ्रांस से 59 हजार करोड रुपये में 36 विमानों की खरीद की थी. 36 विमानों में से 10 विमानों की आपूर्ति तय समय के भीतर पूरी कर ली गई है. इनमें से पांच विमान प्रशिक्षण मिशन पर फ्रांस में ही रहेंगे. 2021 के अंत तक सभी 36 विमान भारत को सौंप दिये जायेंगे.

रफाल लडाकू विमान: मुख्य बिंदु

  • राफेल किटेर और स्केल्प क्रूज मिशाइल समेत अन्य घातक हथियारों से लैस होकर युद्ध भूमि में दुश्मन को स्तब्ध करने वाली क्षमता वाला लड़ाकू विमान है.
  • ये लड़ाकू विमान कुछ विशेष संसाधनों के साथ देश में लाया गया है. जिनमें इस्राइली हेल्मेट युक्त डिस्पले, अत्याधुनिक रडार और कम बेंड के जैमर प्रणाली शामिल हैं. राफेल कई खुबियों वाले रडार वॉर्निंग रिसीवर, इन्फ्रारेड सर्च और ट्रैकिंग सिस्टम जैसी क्षमताओं से भी लैस है.
  • राफेल विमान 9,500 किलोग्राम वजन के साथ इससे जुड़ी तोप एक मिनट में 2,500 राउंड फायर कर सकती है. यह एक ही उड़ान के दौरान आसमान से जमीन और हवा से हवा में मार कर सकता है और दुश्‍मन के विमानों का भी मुकाबला कर सकता है. यह परमाणु हथियार और लेजर गाइडेड बम ले जा सकता है.