संयुक्‍त राष्‍ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद का वर्चुअल सम्‍मेलन

संयुक्‍त राष्‍ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद (United Nations Economic and Social Council) का वर्चुअल सम्‍मेलन का आयोजन न्यूयार्क स्थित संयुक्‍त राष्‍ट्र मुख्‍यालय में किया गया. इस वार्षिक बैठक में विभिन्‍न सरकारी, निजी क्षेत्र, नागरिक समाज और शिक्षा क्षेत्र के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया.

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी इस सम्‍मेलन के समापन सत्र को 17 जुलाई को संबोधित किया. इस वर्ष 17 जून को वर्ष 2021-22 के लिए भारत के सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य चुने जाने के बाद यह पहला अवसर था कि जब प्रधानमंत्री मोदी ने सत्र को संबोधित किया. इससे पहले जनवरी, 2016 में प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए से संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद की 70वीं वर्षगांठ पर अपना संबोधन दिया था.

प्रधानमंत्री के संबोधन के मुख्य बिंदु

  • प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र में बहुपक्षीय सुधारों का दायरा बढ़ाने की अपील की है. उन्होंने कहा है कि कोरोना संकट के बाद के समय में इसका स्वरूप समकालीन विश्व की वास्तविकता को परिलक्षित करने वाला होना चाहिए.
  • संयुक्त राष्ट्र के 75 वर्ष पूरे होने का अवसर वैश्विक बहुपक्षीय प्रणाली में सुधार का संकल्प लेने का अवसर है ताकि इसकी प्रासंगिकता और प्रभावशीलता बढ़े और यह मानव-केंद्रित हो सके.
  • भारत ने परिषद् की कार्यसूची तय करने में अपनी भूमिका निभाई है. भारत सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में अन्य विकासशील देशों की भी मदद कर रहा है.
  • पिछले कुछ वर्षों में, भारत में कार्बन उत्सर्जन में प्रतिवर्ष 3.80 करोड़ टन की कमी आई है. इसके लिए गांवों में बिजली पहुंचाई गई है, 8 करोड़ गरीब परिवारों को रसोई गैस उपलब्ध कराई गई है और ऊर्जा बचत के अन्य उपाय भी शुरु किए गए हैं.

इस वर्ष का विषय

इस वर्ष का विषय- ‘कोविड-19 के बाद बहुपक्षवाद: 75वीं वर्षगांठ पर संयुक्‍त राष्‍ट्र का कैसा स्‍वरूप हो’ था. बदलते अन्तर्राष्ट्रीय परिदृश्य और कोविड-19 महामारी के मौजूदा संकट को ध्यान में रखते हुए यह सत्र बहु-पक्षवात की दिशा तय करने वाली महत्वपूर्ण ताकतों पर केन्द्रित था.