डेली कर्रेंट अफेयर्स
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन समारोह आयोजित किया गया
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के भूमि पूजन समारोह का आयोजन 5 अगस्त को किया गया. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अयोध्या में इस समारोह में हिस्सा लिया और मंदिर निर्माण की आधारशिला रखी.
इस अवसर पर उन्होंने अयोध्या में 326 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की आधारशिला रखी और 161 करोड़ रुपये के किये गये कार्यों का शुभारंभ किया. अयोध्या में भूमि पूजन समारोह उसी अभिजीत महूर्त में आयोजित किया गया जिसमें स्वयं भगवान राम का जन्म हुआ था. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने श्रीराम जन्मभूमि मंदिर पर स्मारक डाक टिकट जारी किया.
अयोध्या में प्रस्तावित भव्य राम मंदिर: एक दृष्टि
- अयोध्या में प्रस्तावित भव्य राम मंदिर 161 फीट ऊंचाई का होगा. मंदिर में मण्डप होंगे और मंदिर में एक अष्टभुजाकार शिखर होगा. मंदिर के निर्माण में लगभग तीन से साढ़े तीन साल का समय लगेगा.
- तीन मंजिला राम मंदिर में भू-तल पर रामलला विराजमान होंगे जबकि पहले तल पर राम दरबार होगा और दूसरा तल श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के उपयोग के लिए होगा.
- अयोध्या राम मंदिर एक बेहद मजबूत ढांचा होगा जिस पर भूकंप का भी प्रभाव नहीं पड़ेगा. क्योंकि इसे बनाने में स्टील का इस्तेमाल नहीं होगा सिर्फ तांबा ही उपयोग में लाया जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट ने जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर फैसला सुनाया था
सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर 9 नवम्बर 2019 को सर्वसम्मति से फैसला सुनाया था. कोर्ट ने अपने फैसले में 2.77 एकड़ विवादित भूमि को रामलला का बताया था.
कोर्ट ने केंद्र सरकार को 3 महीने के भीतर बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज का गठन कर विवादित स्थान को मंदिर निर्माण के लिए देने को कहा था. साथ ही कोर्ट ने सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद निर्माण के लिए 5 एकड़ वैकल्पिक जमीन दिए जाने का आदेश दिया.
5 जजों की बेंच ने फैसला सुनाया
राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर 5 जजों की संवैधानिक बेंच ने सर्वसम्मति से फैसला सुनाया. इस बेंच में मुख्य न्यायाधीश (CJI) रंजन गोगोई की अध्यक्षता में जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस डीवाई चन्द्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस अब्दुल नजीर थे.
उच्च न्यायालय के निर्णय के खिलाफ सुनवाही
2010 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निर्णय के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में 14 याचिकाएं दाखिल की गई थीं. उच्च न्यायालय के निर्णय में कहा गया था कि विवादित भूमि को दावेदारों में बराबर बांट दिया जाना चाहिए. इस विवाद में तीन प्रमुख पक्ष हिन्दू महासभा, निर्मोही अखाडा़ और मुस्लिम वक्फ बोर्ड थे.
ASI की रिपोर्ट पर फैसला
कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की रिपोर्ट को आधार मानते हुए कहा कि अयोध्या में बाबरी मस्जिद किसी खाली स्थान पर नहीं बनाई गई थी. मस्जिद के नीचे विशाल संरचना थी जो इस्लामिक संरचना नहीं थी. ASI ने इसे 12वीं सदी का मंदिर बताया था.
मोहम्मद इरफान अली गुयाना के नये राष्ट्रपति और मार्क फिलिप्स प्रधानमंत्री नियुक्त किये गये
मोहम्मद इरफान अली गुयाना के नये राष्ट्रपति और मार्क फिलिप्स यहाँ के नए प्रधानमंत्री नियुक्त किये गये हैं. मोहम्मद इरफान अली गुयाना के पूर्व आवास मंत्री और विपक्षी राजनीतिक दल पीपुल्स प्रोग्रेसिव पार्टी (PPP) के नेता हैं. वह डेविड आर्थर ग्रेंजर की जगह लेंगे.
गुयाना के नवनियुक्त प्रधानमंत्री मार्क एंथनी फिलिप्स रक्षा बल के पूर्व चीफ ऑफ स्टाफ और सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर रह चुके हैं.
गुयाना: एक दृष्टि
- गुयाना, दक्षिणी अमेरिका महाद्वीप के उत्तर-मध्य भाग में स्थित एक देश है. यह हॉलैन्ड, पुर्तगालियों और अंग्रेजों का उपनिवेश था. गयाना को ब्रिटेन के 200 वर्षों के शाशन से 26 मई 1966 को आजादी मिली थी.
- गुयाना में भारतीयों की संख्या सबसे अधिक है. यहाँ भारतीय अंग्रेजों के शासन काल में आये थे. यहाँ काम करने के लिये ब्रिटेन ने अपने अन्य उपनिवेशो से मज़दूर गयाना मे लाए थे.
- गुयाना की राजधानी जॉर्जटाउन है. यहाँ की जनसंख्या लगभग 7.5 लाख है. गुयाना की मुद्रा गयानी डॉलर (GYD) हैं.
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री शिवाजीराव पाटिल निलांगेकर का पुणे में निधन
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री शिवाजीराव पाटिल निलांगेकर का 5 अगस्त को पुणे में निधन हो गया. वह 89 वर्ष के थे. निलांगेकर मराठावाड़ा क्षेत्र के लातूर से वरिष्ठ कांग्रेस नेता थे. वह 1985 से 1986 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे थे.