पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का निधन, 2019 में ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया था

पूर्व राष्ट्रपति और देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत-रत्न से सम्मानित प्रणब मुखर्जी का 31 अगस्त को निधन हो गया. वे 84 वर्ष के थे. कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद उन्हें दिल्ली में आर्मी रिसर्च ऐंड रेफरल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. उनके दिमाग में बने खून के थक्के को हटाने के लिए उनकी ब्रेन सर्जरी की गई थी, जिसके बाद से ही वह वेंटिलेटर पर थे.

प्रणब मुखर्जी का जन्म 1 दिसंबर 1935 को पश्चिम बंगाल के वीरभूम जिले (मिराती गांव) में हुआ था. वह कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में से थे. 2019 में उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से विभूषित किया था. वह जुलाई 2012 से जुलाई 2017 तक देश के 13वें राष्ट्रपति रहे थे.

प्रणब मुखर्जी ने 1969 में राजनीति की शुरुआत की थी. उसी साल वह राज्यसभा के लिए चुने गए थे. उसके अलावा वह 1975, 1981, 1993 और 1999 में राज्य सभा के लिए चुने गए. वह 2004 और 2009 में पश्चिम बंगाल की जंगीपुर सीट से 2 बार लोकसभा के लिए भी चुने गए थे.

1973 में वह पहली बार केंद्र सरकार में मंत्री बने. तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार में उन्हें इंडस्ट्रियल डिवेलपमेंट मंत्रालय में डेप्युटी मिनिस्टर बनाया गया. 1982 से 1984 तक वह केंद्रीय वित्त मंत्री रहे.

1991 में तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिंह राव ने उन्हें योजना आयोग का उपाध्यक्ष बनाया. उसके बाद 1993 से 1995 तक वह वाणिज्य मंत्री रहे. 1995 से 1996 तक वह नरसिंह राव सरकार में भारत के विदेश मंत्री रहे.

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान वह 2004 से 2006 तक वह रक्षा मंत्री, 2006 से 2009 तक वह विदेश मंत्री और 2009 से 2012 तक वित्त मंत्री रहे.