WHO ने अफ्रीका महाद्वीप को पोलियो मुक्त घोषित किया

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अफ्रीका महाद्वीप को पोलियो मुक्त घोषित कर दिया है. WHO अफ्रीका रीजन के कार्यालय ने 25 अगस्त 2020 को अफ्रीका के अंतिम देश नाइजीरिया के पोलियो मुक्त देश घोषित किया. इस घोषणा के साथ ही पूरा अफ्रीका महाद्वीप वाइल्ड पोलियो से मुक्त हो गया.

यह दूसरी बार है जब WHO ने अफ्रीका में किसी वायरस को खत्म किया है. चार दशक पहले अफ्रीका में चेचक को पूरी तरह से खत्म किया गया था. WHO के अनुसार जब किसी देश में चार साल तक पोलियो का कोई नया मामला नहीं सामने आता तो उसे पोलियो मुक्त मान लिया जाता है.

WHO के अनुसार अफ्रीका महाद्वीप में पोलियो वायरस केवल अफ्रीका के नाइजीरिया में ही बचा था. 1996 में पूरे अफ्रीका में करीब 75 हजार बच्चे पोलियो का शिकार हुए थे. इस दौरान अफ्रीका का हर एक देश प्रभावित था.

WHO ने 1988 में वैश्विक पोलियो उन्मूलन पहल (GPEI) शुरू की थी. तब से लेकर अब तक लगभग पूरी दुनिया से पोलियो को खत्म किया जा चुका है. अफ्रीका में आखिरी बार पोलियो का मामला साल 2016 में नाइजीरिया में आया था.

अब केवल पाकिस्तान और अफगानिस्तान में पोलियो वायरस मौजूद

अफ्रीका को पोलियो वायरस से मुक्त किए जाने के बाद अब केवल पाकिस्तान और अफगानिस्तान ही ऐसे देश बचे हैं जहां अभी तक पोलियो वायरस मौजूद है.

2014 में भारत को पोलियो मुक्त घोषित किया था

WHO ने 27 मार्च 2014 को भारत को पोलियो मुक्त घोषित किया था. इस दिन दिल्ली स्थित WHO के कार्यालय में आयोजित समारोह में दक्षिण-पूर्व एशिया को पोलियो मुक्त क्षेत्र घोषित किया गया. इसी के तहत भारत भी पोलियो मुक्त घोषित हो गया था. कभी भी एक देश को अकेले पोलियो मुक्त घोषित नहीं किया जाता है.

पोलियो: एक दृष्टि

  • पोलियो एक विषाणुजन्य यानि वायरस से होने वाला रोग है. यह अधिकांशत: बच्चों को होता है, यद्यपि यह बीमारी किसी को भी हो सकती है.
  • पोलियो का संक्रमण मुख्य रूप से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फेको-मौखिक मार्ग के द्वारा होता है. यह पानी या मल पदार्थ, अस्वच्छ भोजन के साथ, जल के संक्रमण से हो सकता है.
  • पोलियो से शरीर के अंगों में विकलांगता आ सकती है. पोलियो लाईलाज है, क्‍योंकि इसका लकवापन ठीक नहीं हो सकता है. बचाव ही इस बीमारी का एक मात्र उपाय है.