प्रख्यात कलाविद् कपिला वात्स्यायन का निधन

देश की प्रख्यात कलाविद् कपिला वात्स्यायन का 16 सितम्बर को दिल्ली में निधन हो गया. वह 91 वर्ष की थीं. उन्हें देश के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण, संगीत नाटक अकादमी फैलोशिप और ललित कला अकादमी फैलोशिप से सम्मानित किया गया था.

कपिला वात्स्यायन हिंदी के यशस्वी दिवंगत साहित्यकार सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ की पत्नी थीं और साठ के दशक में अपने पति से तलाक के बाद वह एकांकी जीवन व्यतीत कर रही थीं. वह राष्ट्रीय आंदोलन की प्रसिद्ध लेखिका सत्यवती मलिक की पुत्री थीं.

वह 2006 में राज्यसभा के लिए मनोनीत सदस्य नियुक्त की गई थीं और लाभ के पद के विवाद के कारण उन्होंने राज्यसभा की सदस्यता त्याग दी थी. इसके बाद वह दोबारा फिर राज्यसभा की सदस्य मनोनीत की गई थीं. श्रीमती वात्स्यायन राष्ट्रीय इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र की संस्थापक सचिव थी और इंडिया इंटरनेशनल सेंटर की आजीवन ट्रस्टी भी थीं.

उन्होंने भारतीय नाट्यशास्त्र और भारतीय पारंपरिक कला पर गंभीर और विद्वतापूर्ण पुस्तकें भी लिखी थीं. वह देश में भारतीय कला शास्त्र की आधिकारिक विद्वान मानी जाती थीं.