प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 75वें सत्र को संबोधित किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 सितम्बर को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 75वें सत्र को ऑनलाइन संबोधित किया. प्रधानमंत्री मोदी का संयुक्त राष्ट्र महासभा में यह तीसरा संबोधन था. इससे पहले उन्होंने 2014 और 2019 में संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया था. संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रधानमंत्री मोदी ने हिंदी में ही अपनी बात रखी.

प्रधानमंत्री का उद्बोधन मुख्य रूप से संयुक्त राष्ट्र में सुधार, भारत में चल रहे लोककल्याणकारी योजनाएं, कोरोना वैक्सीन के लिए भारत का वैश्विक सहयोग और आतंकवाद जैसे मुद्दों पर केंद्रित था.

प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन के मुख्य बिंदु

  • प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के लिए भारत की दावेदारी को पुरजोर तरीके से उठाया. उन्होंने 1945 में गठित संयुक्त राष्ट्र के इक्कीसवीं सदी में प्रासंगिकता पर सवाल उठाया.
  • भारत को संयुक्त राष्ट्र के डिसिजन मेकिंग स्ट्रक्चर से अलग रखा जाएगा? एक ऐसा देश जो दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, एक ऐसा देश जहां विश्व की 18 प्रतिशत से ज्यादा जनसंख्या रहती है, एक ऐसा देश जहां सैकड़ों भाषाएं हैं, सैकड़ों बोलियां हैं, अनेकों पंथ हैं, अनेकों विचारधाराएं हैं.
  • 2 अक्टूबर को विश्व अहिंसा दिवस और 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की पहल भारत ने ही की थी. कोएलिशन फॉर डिजास्टर रेजिलेंट इन्फ्रास्ट्रक्चर और इंटरनैशनल सोलर अलायंस ये भारत के ही प्रयास हैं.
  • भारत की नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी से लेकर ऐक्ट ईस्ट पॉलिसी तक, सिक्यॉरिटी ऐंड ग्रोथ फॉर ऑल इन द रीजन इसकी सोच या फिर इंडो-पसिफिक क्षेत्र के प्रति हमारे विचार सभी में इस दर्शन की झलक दिखाई देती है.
  • विश्व के सबसे बड़े वैक्सीन उत्पादक देश के तौर पर भारत की वैक्सीन प्रोडक्शन और डिलिवरी क्षमता पूरी मानवता को इस संकट से बाहर निकालने के लिए काम आएगी.
  • बीते कुछ वर्षों में रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म इस मंत्र के साथ भारत ने करोड़ों भारतीयों के जीवन में बड़े बदलाव लाने का काम किया है. भारत ने सिर्फ 4-5 साल में 400 मिलियन से ज्यादा लोगों को बैंकिंग सिस्टम से जोड़ा, 600 मिलियन लोगों को खुले में शौच से मुक्त किया और 500 मिलियन से ज्यादा लोगों को मुफ्त इलाज से जोड़ करके दिखाया. आज भारत डिजिटल ट्रांजैक्शन में दुनिया के अग्रणी देशों में है. भारत 2025 तक अपने प्रत्येक नागरिक को टीबी से मुक्त करने के लिए बहुत बड़ा अभियान चला रहा है. भारत अपने गांवों के 150 मिलियन घरों में पाइप से पीने का पानी पहुंचाने का अभियान चला रहा है. भारत ने अपने 6 लाख गांवों को ब्रॉडबैंड ऑप्टिकल फाइबर से कनेक्ट करने की बहुत बड़ी योजना की शुरुआत की है.