टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ने नए संसद भवन के निर्माण का कॉन्ट्रेक्ट हासिल किया

टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ने नए संसद भवन के निर्माण का कॉन्ट्रेक्ट हासिल किया है. संसद भवन के निर्माण के लिए लगाई गई बोली के आधार पर यह कॉन्ट्रैक्ट दिया गया है. टाटा ने निर्माण के लिए 861.90 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी. इस बोली में दूसरे स्थान पर लार्सन एंड टुब्रो थे जिसने 865 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी.

CPWD ने नए संसद भवन के निर्माण में 940 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान जताया था. प्रोजेक्‍ट के एक साल में पूरे होने की संभावना है. नई बिल्डिंग को त्रिकोणाकार में डिजाइन किया जाएगा.

देश को आजाद हुए 75 साल होने वाले हैं और देश का संसद भवन अब काफी पुराना हो चुका है. सरकार चाहती है कि जब देश 15 अगस्त 2022 को अपनी आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा हो तब सांसद नए संसद भवन में बैठें.

पुराना संसद भवन: एक दृष्टि

मौजूदा संसद की बिल्डिंग का निर्माण ब्रिटिशकाल में किया गया था और यह वृत्‍ताकार है. यह 1911 में बनना शुरू हुआ था और 1927 में इसका उद्घाटन हुआ था. तब अंग्रेजों के शासन के दौर में दिल्ली राजधानी बनी थी.

किंग जॉर्ज पंचम ने भारत की राजधानी को कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित करने की घोषणा की थी. पंचम ने नई राजधानी के निर्माण के लिए एडविन लुटियंस को नामित किया था. वर्तमान संसद भवन और राष्ट्रपति भवन को एडविन लुटियंस ने ही डिजाइन किया था.