संसद ने दो चिकित्‍सा विधेयकों को पारित किया

राज्‍यसभा ने 18 सितम्बर को दो चिकित्‍सा विधेयकों को पारित किया. ये विधेयक हैं- होम्योपैथी केंद्रीय परिषद संशोधन विधेयक-2020 और भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद संशोधन विधेयक-2020. लोकसभा इन विधेयकों को पहले ही पारित कर चुकी है. इन विधेयकों का उद्देश्‍य होम्‍योपैथी और भारतीय चिकित्सा पद्धति के लिए उच्‍चस्‍तरीय चिकित्‍सकों की उपलब्‍धता सुनिश्चित करना है.

चिकित्‍सा विधेयक: एक दृष्टि

  • ‘होम्योपैथी केंद्रीय परिषद संशोधन विधेयक-2020’ में होम्योपैथी केंद्रीय परिषद अधिनियम, 1973 में संशोधन किया गया है. इस अधिनियम में केंद्रीय होम्योपैथी परिषद की व्यवस्था की गई है जो होम्योपैथिक शिक्षा और प्रेक्टिस का नियमन करेगी.
  • यह विधेयक अप्रैल में जारी होम्योपैथी केंद्रीय परिषद संशोधन अध्यादेश का स्थान लेगा. इसके तहत केंद्रीय परिषद की अवधि दो साल से बढ़ाकर तीन साल करने के लिए 1973 के कानून में संशोधन किया गया है.
  • ‘भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद संशोधन विधेयक-2020’ को 1970 के भारतीय चिकित्‍सा केन्‍द्रीय परिषद कानून में संशोधन के लिए लाया गया है.
  • यह कानून इस संबंध में अप्रैल में जारी अध्‍यादेश का स्‍थान लेगा. विधेयक में एक वर्ष के अंदर केन्‍द्रीय परिषद के पुनर्गठन का प्रस्‍ताव है. यह केन्‍द्रीय परिषद अप्रैल से एक वर्ष के लिए निलंबित रहेगी. तब तक सरकार निदेशक मंडल का गठन करेगी जिसे केन्‍द्रीय परिषद के अधिकार होंगे. निदेशक मंडल में दस सदस्‍य होंगे.