भारत ने ‘रुस्‍तम-2’ ड्रोन का सफल परीक्षण किया

भारत ने हाल ही में ‘रुस्‍तम-2’ ड्रोन का सफल परीक्षण किया है. यह परीक्षण कर्नाटक के चित्रदुर्गा में किया गया. परीक्षण में यह 16 हजार फीट की ऊंचाई पर लगातार 8 घंटे तक उड़ान भरता रहा. इसके बावजूद उसमें एक घंटे उड़ने के लिए काफी ईंधन बच गया था.

‘रुस्‍तम-2’ ड्रोन को डिफेंस रिसर्च ऐंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) ने विकसित किया है. यह एक मध्यम ऊंचाई का ड्रोन है. 2020 के आखिर तक इस प्रोटोटाइप के 26,000 फीट की ऊंचाई पर उड़ने की क्षमता हासिल कर लेने की उम्‍मीद है. इसका फ्लाइट टाइम भी बढ़कर 18 घंटे करने पर काम हो रहा है.

रुस्‍तम-2 मिशन की जरूरत के हिसाब से अलग-अलग तरह के पेलोड्स ले जा सकता है. इस ड्रोन के साथ सिंथेटिक अपर्चर रडार, इलेक्‍ट्रॉनिक इंटेलिजेंस सिस्‍टम और सिचुएशनल अवेयरनेस सिस्‍टम भेजा जा सकता है. इसमें एक सैटेलाइट कम्‍युनिकेशन लिंक भी है जो युद्ध की स्थिति में हालात की जानकारी रियल टाइम में दे सकता है.

भारत सरकार इजरायली ड्रोन्‍स ‘हेरान’ की पूरी फ्लीट को अपग्रेड करना चाहती है. इस ड्रोन्‍स में हवा से जमीन में मार करने वाली मिसाइल और लेजर गाइडेड बम लगाए जाएंगे. इसके अलावा एक सैटेलाइट लिंक भी लगाया जाएगा ताकि इन्‍फॉर्मेशन पहुंचने में देरी न हो. DRDO का मकसद रुस्‍तम-2 को इजरायल के हेरॉन UAV की टक्‍कर का ड्रोन बनाना है.