भारत ने पहली स्‍वदेशी ऐंटी-रेडिएशन मिसाइल ‘रूद्रम-1’ का सफल परीक्षण किया

भारत ने पहली स्‍वदेशी ऐंटी रेडिएशन मिसाइल ‘रूद्रम-1’ (RUDRAM-1) का सफल परीक्षण किया है. परीक्षण में इस मिसाइल को फाइटर एयरक्राफ्ट सुखोई-30 से छोड़ा गया. यह मिसाइल टेस्‍ट भारतीय वायुसेना के लिए था.

रूद्रम ऐंटी-रेडिएशन मिसाइल को डिफेंस रिसर्च ऐंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) ने विकसित किया है. यह देश की पहली न्‍यू जेनेरेशन ऐंटी रेडिएशन मिसाइल (NGARM) है. फिलहाल इसे सुखोई एयरक्राफ्ट से छोड़ा जा सकता है. मगर इसे जगुआर, मिराज 2000 और तेजस के साथ लॉन्‍च करने लायक भी बनाया जा रहा है.

ऐंटी रेडिएशन मिसाइल (NGARM) क्‍या है?

ऐंटी रेडिएशन मिसाइलों में सेंसर्स लगे होते हैं जो रेडिएशन का सोर्स ढूंढते हुए उसके पास जाते हैं और प्रहार करते हैं. इसका उपयोग मुख्य रूप से दुश्‍मन के कम्‍युनिकेशन सिस्‍टम को ध्‍वस्‍त करने के लिए किया जाता है. ये दुश्‍मन के रडार, जैमर्स और बातचीत के लिए इस्‍तेमाल होने वाले रेडियो के खिलाफ भी उपयोग हो सकती हैं. ये मिसाइलें अचानक आने वाली जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइलों के खिलाफ भी छोड़ी जा सकती हैं.

रूद्रम 100 किलोमीटर की दूर से पता लगा सकती है कि रेडियो फ्रीक्‍वेंसी कहां से आ रही है. इसकी मदद से जमीन पर मौजूद दुश्‍मन के रडार को ध्‍वस्‍त किया जा सकता है. यह मिसाइल 100 से 250 किलोमीटर की रेंज में किसी भी टारगेट को ध्‍वस्‍त कर सकती है. यह मिसाइल की लंबाई करीब 5.5 मीटर है और वजन 140 किलो है.