डेली कर्रेंट अफेयर्स
15वां ईस्ट एशिया शिखर सम्मेलन, भारत का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री ने किया
15वां ईस्ट एशिया शिखर सम्मेलन (EAS) का आयोजन हाल ही में विडियो कांफ्रेंसिंग माध्यम से किया गया था. इस सम्मेलन की अध्यक्षता वियतनाम के प्रधान मंत्री गुयेन जुआन फुक ने की. वियतनाम वर्ष 2020 के लिए आसियान का अध्यक्ष है. इस वर्चुअल सम्मेलन में सभी 18 EAS देशों ने हिस्सा लिया.
सम्मलेन में भारत का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री एस जयशंकर ने किया था. उन्होंने EAS द्वारा भारत-प्रशांत क्षेत्र के प्रमुख तंत्र के रूप में निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में बताया और इसे और अधिक संवेदनशील बनाने के लिए भारत के समर्थन की प्रतिबद्धता जताई.
पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन: एक दृष्टि
पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (EAS) में आसियान के 10 देशों के अलावा भारत, अमरीका, रूस, चीन, जापान, न्यूजीलैंड, कोरिया गणराज्य और ऑस्ट्रेलिया हिस्सा लेते हैं. इन देशों की आबादी पूरे विश्व की जनसंख्या का 54% है जबकि GDP 58% है.
EAS प्रशांत क्षेत्र के देशों का एक महत्वपूर्ण मंच है, जहां सदस्य देश क्षेत्र के विभिन्न घटनाक्रमों पर आपसी विचार-विमर्श करते हैं. यह सम्बद्ध देशों के बीच विश्वास निर्माण का काम करता है.
37वां आसियान शिखर सम्मेलन, क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते पर हस्ताक्षर
37वां दक्षिण पूर्व एशियाई देशों (ASEAN) शिखर सम्मेलन 13-15 नवम्बर को वियतनाम के हनोई में आयोजित किया गया था. सम्मलेन की अध्यक्षता आसियान (ASEAN) के वर्तमान अध्यक्ष देश वियतनाम के प्रधानमंत्री गुयेन जुआन फुक ने की थी.
सम्मेलन के दौरान आसियान सदस्य देशों और उनके संवाद भागीदारों ने कोविड-19 महामारी के बाद आर्थिक बहाली और क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (RCEP) के हस्ताक्षर आदि मुद्दों पर विचार-विमर्श किया.
क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते पर हस्ताक्षर
इस सम्मलेन के दौरान 10 आसियान (ASEAN) देशों और उनके 5 अन्य मुक्त व्यापार साझेदार देशों (ऑस्ट्रेलिया, चीन, जापान, न्यूज़ीलैंड तथा दक्षिण कोरिया) के बीच ‘क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी’ (RCEP) पर हस्ताक्षर किये गये. RCEP के सदस्य दुनिया की लगभग एक तिहाई आबादी और वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का लगभग 30% हिस्सा हैं.
क्या है क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (RCEP)?
- RCEP, Regional Comprehensive Economic Partnership का संक्षिप्त रूप है. यह आसियान के दस सदस्य देशों तथा पाँच अन्य देशों द्वारा अपनाया गया एक मुक्त व्यापार समझौता (FTA) है. इस समझौते पर 15 नवंबर 2020 को हस्ताक्षर किये गए.
- RCEP में 10 आसियान देशों के अलावा भारत, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के शामिल होने का प्रावधान था, जिसमें से अब भारत ने इसमें से बाहर रहने का फैसला किया है.
- आसियान और उसके व्यापारिक साझेदार देशों के बीच आर्थिक संबंध को मजबूत करने के लिए नवम्बर 2012 में RCEP का गठन किया गया था.
- RCEP समझौते के तहत सदस्य देशों के बीच आयात और निर्यात कर मुक्त या आंशिक कर लगाने का प्रावधान था.
भारत का मानना है कि आयात शुल्क कम करने या खत्म करने से विदेश (मुख्य तौर पर चीन) से भारी मात्रा में सामान भारत आएगा और इससे देश के घरेलू उद्योगों को काफी नुकसान होगा.
भारत का RCEP समझौते से अलग होने के कारण और परिणाम
- भारत ने RCEP समझौते की वार्ता में शामिल रहने के बाद आखिरी मौके पर इससे अलग रहने का निर्णय लिया है. RCEP से अलग रहने के पीछे भारत ने इस समझौते में अपने कई मुद्दों और चिंताओं पर आवश्यकता अनुरूप ध्यान नहीं दिये जाने को बड़ा कारण बताया है.
- इस समझौते में शामिल होने के पश्चात् भारत को अपना बाजार खोलना पड़ता है, जिससे चीन से सस्ते उत्पादों का आयात बढ़ने की आशंका थी इससे घरेलू उद्योग व कारोबार पर असर पड़ने की संभावना बनी हुई थी.
- इस समझौते में शामिल होने के पश्चात् भारत में स्थानीय और छोटे उत्पादकों को कड़ी प्रतिस्पर्द्धा का सामना करना पड़ सकता था. उदाहरण के तौर पर आयात शुल्क में कमी होने से भारत के कृषि, डेयरी उत्पाद और अन्य ‘सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम’ (MSMEs) क्षेत्रों को क्षति हो सकती थी.
- भारत के RCEP समझौते से अलग होने से RCEP सदस्यों के साथ भारत के द्विपक्षीय व्यापार संबंधों के प्रभावित होने की आशंका भी बढ़ गई है क्योंकि इस समूह में शामिल अधिकांश देश RCEP के अंदर अपने व्यापार को मज़बूत करने को अधिक प्राथमिकता देंगे.
ऑस्ट्रेलिया और जापान के बीच एतिहासिक रक्षा समझौता
ऑस्ट्रेलिया और जापान ने हाल ही में एक एतिहासिक रक्षा समझौता किया है. इस समझौते के तहत दोनों देश सैन्य सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए हैं. इस समझौते को रेसिप्रोकल एक्सेस एग्रीमेंट (Reciprocal Access Agreement-RAA) नाम दिया गया है.
यह समझौता ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन की जापान यात्रा के दौरान जापानी प्रधानमंत्री योशीहिदे सुगा के साथ द्विपक्षीय वार्ता में हुए. हालांकि औपचारिक तौर पर इसे हस्ताक्षर किया जाना बाकी है. इस समझौते के बाद ऑस्ट्रेलिया और जापान की सेनाएं एक-दूसरे के बेसेज का प्रयोग कर सकेंगी.
यह समझौता हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए काफी अहम है जिस कारण चीन अपने खिलाफ मान रहा है. चीन ने दोनों देशों को इसके खिलाफ कदम उठाए जाने की चेतावनी दी है.
19 नवंबर: विश्व शौचालय दिवस
प्रत्येक वर्ष 19 नवंबर को विश्व शौचालय दिवस (World Toilet Day) के रूप में मनाया जाता है. इस दिवस को मानाने का उद्देश्य शौचालय को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाना और स्वच्छता को वैश्विक विकास की प्राथमिकता बनाना है.
इस वर्ष यानी 2020 में विश्व शौचालय दिवस का मुख्य विषय (थीम) “Sustainable sanitation and climate change” है.
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2001 में विश्व शौचालय दिवस मानाने शुरुआत की थी. यह दिन विश्व में सफाई की समस्याओं के प्रति कदम उठाने की दिशा में हमें प्रेरित करता है.
मानव मल से जानलेवा बीमारियां फैलती हैं और इसके लिए शौचालय का प्रयोग जरूरी है. आज विश्व में लगभग 450 करोड़ लोगों के घरों में शौचालय नहीं है. इसे देखते हुए समावेशी विकास के लक्ष्यों के तहत वर्ष 2030 तक हर घर में शौचालय का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
12वाँ ब्रिक्स शिखर सम्मेलन, भारत 2021 में 13वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता करेगा
12वाँ ब्रिक्स शिखर सम्मेलन (12th BRICS Summit) 17 नवंबर को आयोजित किया गया था. यह बैठक आभासी रूप से आयोजित किया गया था जिसकी अध्यक्षता रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने की थी. इस वर्ष ब्रिक्स सम्मेलन का विषय- ‘वैश्विक स्थिरता, साझा सुरक्षा और नवाचारी वृद्धि’ (Global Stability, Shared Security and Innovative Growth) था.
प्रधानमंत्री का संबोधन
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व किया था. सम्मेलन के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री ने आतंकवाद को दुनिया के सामने सबसे बड़ी समस्या बताया. उन्होंने आतंकवाद का समर्थन करने वाले देशों का मिलकर सामना करने की आवश्यकता पर बल दिया.
इस बैठक में उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सहित कई अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में सुधार के लिए ब्रिक्स सहयोगियों से समर्थन की अपील की. उन्होंने भारत द्वारा प्रस्तावित ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ की संकल्पना को ब्रिक्स देशों के साथ साझा किया.
ब्रिक्स आतंकवाद-रोधी रणनीति
शिखर सम्मेलन के दौरान ‘ब्रिक्स आतंकवाद-रोधी रणनीति’ (BRICS Counter-terrorism Strategy) को भी हस्ताक्षर के लिये रखा गया है. इस रणनीति के कार्यान्वयन का दायित्व ब्रिक्स ‘आतंकवाद-निरोधी कार्य समूह’ (Counter-terrorism Working Group- CTWG) को सौंपा जाएगा.
भारत 2021 में ब्रिक्स की अध्यक्षता करेगा
भारत 2021 में 13वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता करेगा. यह तीसरी बार होगा जब भारत इसमें शामिल होने के बाद से ब्रिक्स अध्यक्ष का पद संभालेगा. इससे पहले भारत 2012 और 2016 में अध्यक्ष रहा था.
जानिए क्या है ब्रिक्स और इसकी अहमियत…»
18 नवंबर: राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा दिवस
प्रत्येक वर्ष 18 नवंबर को राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा दिवस (National Naturopathy Day) मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य भोजन ही केवल चिकित्सा है पर बल देना है. इस दिन लोगों को प्राकृतिक उपचार एवं खान-पान के विषय में जानकारी प्राप्त होगी.
प्राकृतिक चिकित्सा दिवस को मनाये जाने की घोषणा आयुष मंत्रालय ने नवंबर 2018 में की थी. पहला प्राकृतिक चिकित्सा दिवस 2018 में मनाया गया था. आयुष (AYUSH) का पूर्ण रूप Ayurveda, Yoga and Naturopathy, Unani, Siddha and Homeopathy है.
देश-दुनिया: एक संक्षिप्त दृष्टि
सामयिक घटनाचक्र का डेलीडोज
U-17 महिला विश्व कप को रद्द किया गया
वर्ष 2021 U-17 महिला विश्व कप कोरोनोवायरस महामारी के कारण रद्द कर दिया गया है. यह प्रतियोगिता भारत में आयोजित किया जाना था. फीफा ने इससे पहले इस टूर्नामेंट को स्थगित करने का फैसला किया था.
गोवा की पूर्व राज्यपाल मृदुला सिन्हा का निधन
गोवा की पूर्व राज्यपाल और भाजपा की वरिष्ट नेता मृदुला सिन्हा का निधन हो गया. वह गोवा की पहली महिला राज्यपाल थीं. वह एक कुशल लेखिका भी थीं. उन्होंने साहित्य के साथ-साथ संस्कृति की दुनिया में भी व्यापक योगदान दिया था.
जैनाचार्य विजय वल्लभ सुरिश्वर जी महाराज के सम्मान में ‘स्टैच्यू ऑफ पीस’ का अनावरण
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने को जैनाचार्य विजय वल्लभ सुरिश्वर जी महाराज की 151वीं जयंती पर उनके सम्मान में स्थापित ‘स्टैच्यू ऑफ पीस’ का अनावरण किया. अष्टधातु से बनी 151 इंच ऊंची यह प्रतिमा राजस्थान के पाली जिले के जेतपुरा स्थित विजय वल्लभ साधना केंद्र में स्थापित की गई है.
JNU परिसर में स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का अनावरण
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में नई दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) परिसर में स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का अनावरण किया है. JNU परिसर में विवेकानंद की इस प्रतिमा को मूर्तिकार नरेश कुमावत ने तैयार किया है.